न्यूज डेस्क (देवेंद्र कुमार): Manipur Viral Video: गिरफ्तारी के कुछ घंटों बाद मणिपुर यौन उत्पीड़न वीडियो मामले के मुख्य आरोपी हुइरेम हेरोदास मेइतेई (Huirem Herodas Meitei) के घर को बीते गुरुवार (21 जुलाई 2023) को उनके गांव की महिलाओं के एक गुट ने आग लगा दी। पेची अवांग लीकाई गांव (Pechi Awang Leikai Village) का रहने वाला 32 वर्षीय हेरोदा उन चार लोगों समेत मुख्य आरोपी है, जिन्होनें 4 मई को मणिपुर के थौबल जिले में कुकी-ज़ोमी समुदाय (Kuki-Zomi Community) की दो महिलाओं को नग्न घुमाने और यौन उत्पीड़न करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बाकी के तीन अभियुक्तों की शिनाख्त का अभी तक खुलासा नहीं हो पाया है।
हेरोदास की गिरफ्तारी के बारे में जानने पर पेची गांव की महिलाएं इकट्ठा हुईं और आपस में थोड़ी देर चर्चा के बाद आरोपी के घर की ओर चल दीं। महिलाओं के गुट ने आरोपी के घर में तोड़फोड़ शुरू कर दी और आग लगा दी। मामले को लेकर स्थानीय महिला कार्यकर्ता समूह की मुखिया मीरा पैबी (Mira Pabby) ने कहा कि- “चाहे मैतेई हो या अन्य समुदाय एक महिला के रूप में किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना कतई स्वीकार्य नहीं है। हम ऐसे शख़्स को अपने समाज में रहने की इजाजत नहीं दे सकते। ये पूरे मैतेई समुदाय के लिये शर्म की बात है।”
हालांकि ये वारदात दो महीने पहले हुई थी, लेकिन इस हफ्ते की शुरुआत में इस मामले से जुड़ा एक छोटा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इसने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया, जिससे आक्रोश फैल गया। जनता के दबाव के बीच इस्तीफे की मांग का सामना कर रहे मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (Chief Minister N. Biren Singh) ने कहा कि- “दोषियों की शिनाख्त से जुड़े मुद्दों के कारण पुलिस कार्रवाई में देरी हुई। हिंसा जारी रहने के बावजूद 6,000 से ज्यादा एफआईआर दर्ज हुईं। वीडियो सामने आने पर पुलिस मामले की आरोपियों को पहचान करने की कोशिश कर रही थी। जैसे ही हमारे पास वीडियो आया, हम दोषियों की पहचान कर सके और तुरंत कार्रवाई की गयी और हमने मुख्य अपराधी समेत दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया।”
बता दे कि बीते मई की शुरुआत से मणिपुर में दो आदिवासी समूह घाटी में रहने वाले बहुसंख्यक मैतेई और पहाड़ी इलाकों में रहने वाले कुकी-ज़ोमिस के बीच जमकर बवाल छिड़ा हुआ है। कुकी समुदाय के लोग मैतेई समुदाय के लोगों को अनुसूचित जनजातियों (एसटी) की सूची में शामिल करने की पुरानी मांग को लेकर एक दूसरे के आमने सामने हैं।