नई दिल्ली (शौर्य यादव): आज पीएम मोदी साल 2021 के पहले मन की बात (Mann Ki Baat) कार्यक्रम को संबोधित करेगें। उनका ये कार्यक्रम काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि इससे ठीक एक दिन पहले उन्होनें वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा सम्पन्न हुई सर्वदलीय बैठक (All party meeting) में किसानों को बड़ा आश्वासन देते हुए बातचीत का विकल्प खुला रखने की बात कही थी। साथ ही उन्होनें कहा था कि केन्द्र सरकार कानूनों को स्थगित करने के प्रस्ताव पर अभी भी कायम है। ऐसे में किसान जब चाहे उन्हें कॉल कर वार्ता के लिए आमन्त्रित कर सकते है। इसके साथ ही सोमवार को बजट सत्र (Budget session) की शुरूआत होने जा रही है। इसलिए सभी की नज़र इन दो मुद्दों को लेकर मन की बात कार्यक्रम पर बनी रहेगी।
फिलहाल केन्द्र सरकार पर विपक्ष की लामबंदी का बड़ा तनाव बना हुआ है। जिस अंदाज में बजट सत्र की शुरुआत के दौरान विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया था। उसे देखते हुए लगता है कि बजट सत्र सरकार के लिए आसान नहीं रहने वाला। कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रधानमंत्री मोदी मन की बात कार्यक्रम के दौरान विपक्ष से शांत रहने की अपील करेगेे, लेकिन उन्होनें इस मुद्दों पर कुछ नहीं कहा।
मन की बात कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने कही ये बड़ी बातें
- जब मैं ‘मन की बात’ करता हूँ तो ऐसा लगता है, जैसे आपके बीच, आपके परिवार के सदस्य के रूप में उपस्थित हूँ। हमारी छोटी-छोटी बातें, जो एक-दूसरे को, कुछ, सिखा जाये, जीवन के खट्टे-मीठे अनुभव जो, जी-भर के जीने की प्रेरणा बन जाये – बस यही तो है ‘मन की बात’
- कुछ दिन पहले की ही तो बात लगती है जब हम एक दूसरे को शुभकमनाएं दे रहे थे, फिर हमने लोहड़ी मनाई, मकर संक्रांति मनाई, पोंगल, बिहु मनाया | देश के अलग-अलग हिस्सों में त्योहारों की धूम रही। 23 जनवरी को हमने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन को ‘पराक्रम दिवस’ के तौर पर मनाया और 26 जनवरी को ‘गणतन्त्र दिवस’ की शानदार परेड भी देखी
- इस महीने, क्रिकेट पिच से भी बहुत अच्छी खबर मिली | हमारी क्रिकेट टीम ने शुरुआती दिक्कतों के बाद, शानदार वापसी करते हुए ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीती | हमारे खिलाड़ियों का hard work और teamwork प्रेरित करने वाला है।
- इन सबके बीच, दिल्ली में, 26 जनवरी को तिरंगे का अपमान देख, देश, बहुत दुखी भी हुआ | हमें आने वाले समय को नई आशा और नवीनता से भरना है | हमने पिछले साल असाधारण संयम और साहस का परिचय दिया | इस साल भी हमें कड़ी मेहनत करके अपने संकल्पों को सिद्ध करना है।
- इन सबके बीच, दिल्ली में, 26 जनवरी को तिरंगे का अपमान देख, देश, बहुत दुखी भी हुआ। हमें आने वाले समय को नई आशा और नवीनता से भरना है। हमने पिछले साल असाधारण संयम और साहस का परिचय दिया। इस साल भी हमें कड़ी मेहनत करके अपने संकल्पों को सिद्ध करना है।
- इस साल की शुरुआत के साथ ही कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई को भी करीब-करीब एक साल पूरा हो गया है। जैसे कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई एक उदाहरण बनी है, वैसे ही, अब, हमारा Vaccination programme भी, दुनिया में एक मिसाल बन रहा है।
- आप जानते हैं, और भी ज्यादा गर्व की बात क्या है? हम सबसे बड़े Vaccine programme के साथ ही दुनिया में सबसे तेज गति से अपने नागरिकों का Vaccination भी कर रहे हैं। संकट के समय में भारत, दुनिया की सेवा इसलिए कर पा रहा है, क्योंकि, भारत, आज दवाओं और Vaccine को लेकर सक्षम है, आत्मनिर्भर है। यही सोच आत्मनिर्भर भारत अभियान की भी है।
- भारत के हर हिस्से में, हर शहर, कस्बे और गांव में आजादी की लड़ाई पूरी ताकत के साथ लड़ी गई थी। भारत भूमि के हर कोने में ऐसे महान सपूतों और वीरांगनाओं ने जन्म लिया, जिन्होंने राष्ट्र के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया।
- मन की बात में श्रोताओं को क्या पसंद आता है, ये आप बेहतर जानते हैं। लेकिन मुझे मन की बात में सबसे अच्छा लगता है कि मुझे बहुत कुछ जानने-सीखने और पढ़ने को मिलता है। एक प्रकार से परोक्ष रूप से आप सबसे जुड़ने का मौका मिलता है।
- मैं सभी देशवासियों को और खासकर के अपने युवा साथियों को आहृान करता हूं कि वो देश के स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में लिखें। अपने इलाके में स्वतंत्रता संग्राम के दौर की वीरता की गाथाओं के बारे में किताबें लिखें।
- हैदराबाद के बोयिनपल्ली में, एक स्थानीय सब्जी मंडी, किस तरह, अपने दायित्व को निभा रही है, ये पढ़कर भी मुझे बहुत अच्छा लगा। बोयिनपल्ली की सब्जी मंडी तय किया है कि बचने वाली सब्जियों को ऐसे फेंका नहीं जाएगा, इससे बिजली बनाई जाएगी।
- पर्यावरण की रक्षा से कैसे आमदनी के रास्ते भी खुलते हैं, इसका एक उदाहरण अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भी देखने को मिला। इस पहाड़ी इलाके में सदियों से ‘मोन शुगु’ नाम का एक पेपर बनाया जाता है। इसके लिए पेड़ों को नहीं काटना पड़ता है।
- कुछ दिन पहले आपने देखा होगा, अमेरिका के San Francisco से बेंगलुरु के लिए एक non-stop flight की कमान भारत की चार women pilots ने संभाली। दस हजार किलोमीटर से भी ज्यादा लंबा सफ़र तय करके ये flight सवा दो-सौ से अधिक यात्रियों को भारत लेकर आई।
- पिछले दिनों झांसी में एक महीने तक चलने वाला ‘Strawberry Festival’ शुरू हुआ। Law की छात्रा गुरलीन ने पहले अपने घर पर और फिर अपने खेत में Strawberry की खेती का सफल प्रयोग कर ये विश्वास जगाया है कि झांसी में भी ये हो सकता है।
- कुछ दिन पहले मैंने एक वीडियो देखा। वह वीडियो पश्चिम बंगाल के वेस्ट मिदनापुर स्थित ‘नया पिंगला’ गांव के एक चित्रकार सरमुद्दीन का था। वो प्रसन्नता व्यक्त कर रहे थे कि रामायण पर बनाई उनकी painting 2 लाख रुपये में बिकी है। इससे उनके गांववालों को भी काफी खुशी मिली है।
- इसी क्रम में मुझे पश्चिम बंगाल से जुड़ी एक बहुत अच्छी पहल के बारे में जानकारी मिली, जिसे, मैं, आपसे साथ जरुर साझा करना चाहूंगा। पर्यटन मंत्रालय के रीजिनल ऑफिस ने महीने के शुरू में ही बंगाल के गांवों में एक Incredible India Weekend Getaway की शुरुआत की।
- कॉलेज के रास्ते में भाग्यश्री को ये Soft Stones मिले, उन्होंने, इन्हें एकत्र किया और साफ किया। उन्होंने, रोजाना दो घंटे इन पत्थरों पर पट्टचित्र style में painting की। कुछ दिन पहले ही, सुभाष बाबू की जयन्ती पर, भाग्यश्री ने पत्थर पर ही उन्हें अनोखी श्रद्धांजलि दी।
- भारत से हजारों किलोमीटर दूर, कई महासागरों, महाद्वीपों के पार एक देश है, जिसका नाम है Chile भारत से Chile पहुंचने में बहुत अधिक समय लगता है, लेकिन भारतीय संस्कृति की खुशबू वहां बहुत समय पहले से ही फैली हुई है।
- आपको यह जानकार अच्छा लगेगा कि Chile की राजधानी Santiago में 30 से ज्यादा योग विद्यालय हैं। Chile में अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस भी बड़े ही उत्साह से मनाया जाता है। मुझे बताया गया है कि House of Deputies में योग दिवस को लेकर बहुत ही गर्मजोशी भरा माहौल होता है।
- इसी महीने 18 जनवरी से 17 फरवरी तक, हमारा देश ‘सड़क सुरक्षा माह’ यानि ‘Road Safety Month’ भी मना रहा है। सड़क हादसे आज हमारे देश में ही नहीं पूरी दुनिया में चिंता का विषय हैं।
- आपने ध्यान दिया होगा, BRO जो सड़कें बनाती है, उससे गुजरते हुए आपको बड़े ही innovative slogans देखने को मिलते हैं। This is highway not runway’ या फिर ‘Be Mr. Late than Late Mr.’ ये स्लोगन सड़क पर सावधानी बरतने को लेकर लोगों को जागरूक करने में काफी प्रभावी होते हैं।
- मैं NaMo App पर कोलकाता की अपर्णा दास जी की एक पोस्ट की चर्चा करना चाहूंगा। अपर्णा जी ने मुझे ‘FASTag’ Programme पर बात करने की सलाह दी है। उनका कहना है कि FASTag से यात्रा का अनुभव बदल गया है। Toll Plaza पर waiting time में कमी आने से गाड़ी के ईंधन की बचत भी हो रही है। इससे देशवासियों के करीब 21 हजार करोड़ रुपये बचने का अनुमान है, यानी पैसे की भी बचत और समय की भी बचत।