न्यूज़ डेस्क (नई दिल्ली): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने रविवार को रेडियो कार्यक्रम मन की बात (Mann ki Baat) से देश की आव़ाम से मुखातिब हुए। सत्ता में दोबारा वापसी के बाद, ये तीसरा मौका था, जब देश को संबोधित किया। प्रोग्राम की शुरुआत मोदी जी ने राष्ट्रीय पिता महात्मा गांधी के 150 जन्मदिन के बारे में बात की और कहा कि जब देश राष्ट्रपिता की 150वीं जयंती मना रहा है। ऐसे में हम लोग प्लास्टिक के खिलाफ एक नयी मुहिम शुरू करेंगे।
मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में मोदी जी ने देशसे अपील की थी कि, वे एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करें। उन्होंने सुझाव दिया था कि दुकानदार उपभोक्ताओं को पर्यावरण के अनुकूल थैले मुहैया कराएं। इस कवायद को पर्यावरण संरक्षण के प्रयास के तौर पर देखे। पीएम मोदी ने गांधी के बारे में बात करते हुए कहा ‘आज जब हम, उत्सवों की चर्चा कर रहे हैं, तब, भारत एक और बड़े उत्सव की तैयारी में जुटा है।
भारत के साथ-साथ दुनियाभर में इसकी चर्चा है। मैं बात कर रहा हूं महात्मा गाँधी की 150वीं जयन्ती की।’ उन्होने कहा “गांधी जी ने किसानों की सेवा की जिनके साथ चम्पारण में भेद-भाव हो रहा था। उन मिल मजदूरों की सेवा की जिन्हें उचित मजदूरी नहीं मिल रही थी, गांधी जी ने ग़रीब, बेसहारा और कमजोर लोगों की सेवा को अपने जीवन का परम कर्तव्य माना।”
परंपरा और संस्कृति के बारे में बात करते हुए पीएम ने कहा “मुझे आशा है कि ‘Man Vs Wild’ कार्यक्रम भारत का सन्देश, भारत की परंपरा, भारत के संस्कार यात्रा में प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता, इन सारी बातों से विश्व को परिचित कराने में ये एपिसोड बहुत मदद करेगा ऐसा मेरा पक्का विश्वास बन गया है।” मन की बात कार्यक्रम की दस बड़ी बातें
- हर कोई श्रीकृष्ण के जीवन में से समस्याओं का समाधान ढूंढ सकता है। वह कभी रास में रम जाते थे तो कभी गायों के बीच तो कभी ग्वालों के बीच, कभी खेलकूद करना तो कभी बांसुरी बजाना, विविधितताओं से भरा यह व्यक्तित्व समाजशक्ति को समर्पित, लोकशक्ति को समर्पित, मित्रता कैसी हो तो सुदामा वाली घटना कौन भूल सकता है।
- सुदर्शनचक्रधारी मोहन यमुना तट छोड़कर गुजरात में समुद्र तट पर स्थिर हुए और समुद्रतट पर पैदा हुए मोहन दिल्ली में यमुना किनारे आखिरी सांस लेते हैं। सुदर्शन चक्र धारी मोहन ने उस समय की स्थितियों में हजारों साल पहले युद्ध को टालने के लिए अपनी बुद्धि का अपने अपने सामर्थ्य का उपयोग किया था और चरखाधारी मोहन ने स्वतंत्रता के लिए
- आज भारत एक और उत्सव की तैयारी में जुटा है, पूरी दुनिया में इसकी चर्चा है। मैं बात कर रहा हूं महात्मा गांधी की 150 जयंती। 2 अक्टूबर 1869, पोरबंदर में एक व्यक्ति नहीं एक युग का जन्म हुआ था जिसने मानव इतिहास को नया मोड़ दिया। महात्मा गांधी के जीवन से एक बात हमेशा जुड़ी रही वह है, सेवा, सेवा भाव।
- मेरा आपसे आग्रह है कि आप भी महात्मा गांधी से जुड़ी किसी स्थान की यात्रा जरूर करें। पोरबंदर हो, साबरमती आश्रम हो, वर्धा आश्रम हो या दिल्ली में महात्मा गांधी से जुड़े स्थान हो और जब भी आप वहां जाएं तो वहां की तस्वीर सोशल मीडिया पर भी डालें।’
- कई व्यापारी भाइयों-बहनों ने दुकान में एक तख्ती लगा दी है, जिसपर लिखा है कि ग्राहक अपना थैला साथ लेकर आएं। इससे पैसा भी बचेगा और पर्यावरण की रक्षा में वे अपना योगदान भी दे पाएंगे। इस बार 2 अक्टूबर को जब बापू की 150वीं जयंती मनाएंगे तो इस अवसर हम उन्हें न केवल खुले में शौच से मुक्त भारत समर्पित करेंगे, बल्कि उस दिन पूरे देश में प्लास्टिक के खिलाफ एक नए जन आंदोलन की नींव रखेंगे।’
- 2 अक्टूबर विशेष दिवस के रूप में मनाएं। महात्मा गांधी जयंती का दिन एक विशेष श्रमदान का उत्सव बन जाए। देश की सभी नगरपालिका, नगरनिगम, जिला-प्रशासन, ग्राम-पंचायत, सरकारी-गैरसरकारी सभी व्यवस्थाएं, सभी संगठन, एक-एक नागरिक हर किसी से मेरा अनुरोध है कि प्लास्टिक कचरे के कलेक्शन और स्टोरेज के लिए उचित व्यवस्था हो।
- पृथ्वी में जल, अन्न और सुभाषित तीन रत्न हैं। मूर्ख लोग पत्थर को रत्न कहते हैं, जबकि अन्न सही मायने में रत्न हैं। पोषण अभियान के तहत आधुनिक और वैज्ञानिक तरीके से जन आंदोलन बनाया जा रहा है।
- अब लोग वाइल्ड लाइफ के बारे में बात करने लगे हैं। डिस्कवरी ने 165 देशों में इस कार्यक्रम को प्रसारित किया। लोगों ने मुझसे पूछा कि कार्यक्रम में आप हिंदी में बात कर रहे थे, जबकि बेयर ग्रिल्स अंग्रेजी में। आप दोनों के बीच बातचीत कैसे हुई। यह सब टेक्नॉलोजी से संभव हुआ। मैं कुछ भी बोलता था तो वह तुरंत अंग्रेजी में ट्रांसलेट होकर ग्रिल्स तक पहुंच जाता था।
- बाघों को लेकर 2010 में रूस में टाइगर समिट हुआ था। इसमें दुनिया में बाघों की घटती संख्या को लेकर चिंता जाहिर करते हुए एक संकल्प लिया गया था। यह संकल्प था 2022 तक पूरी दुनिया में बाघों की संख्या को दोगुना करना। लेकिन यह न्यू इंडिया है, हम लक्ष्यों को जल्दी से जल्द पूरा करते हैं। हमने 2019 में ही अपने यहां टाइगर की संख्या दोगुनी कर दी।’
- 29 अगस्त को ‘राष्ट्र खेल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है । इस अवसर पर हम देश भर में ‘FIT INDIA MOVEMENT’ लॉन्च करने वाले हैं। खुद को फिट रखना है । देश को फिट बनाना है।