न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Ex-Chief Minister Mehbooba Mufti) ने आज (5 अगस्त 2023) दावा किया कि उन्हें और उनकी पार्टी के कुछ अन्य बड़े नेताओं को नजरबंद कर दिया गया है। इसी मामले पर उन्होनें ट्विट कर लिखा कि- “मुझे आज पार्टी के कई आला नेताओं के साथ नजरबंद कर दिया गया है। ये कार्रवाई आधी रात के बाद की गयी, जहां मेरी पार्टी के कई लोगों को पुलिस स्टेशनों में गैरकानूनी तरीके से हिरासत में लिया गया।”
पीडीपी प्रमुख आगे ने कहा- “एक तरफ पूरे श्रीनगर (Srinagar) में कश्मीरियों से अनुच्छेद 370 का गलत तरीके से खत्म किये जाने का जश़्न मनाने को कहा जा रहा है, जिसके लिये बड़े बड़े होर्डिंग्स घाटी में लगाये गये हैं। जबकि आव़ाम की असल सोच का गला घोंटने के लिये बेरहम तरीके से ताकत का इस्तेमाल किया जा रहा है। उम्मीद है कि माननीय उच्चतम न्यायालय ऐसे वक्त में इन पैदा हो रहे संज्ञान लेगा, जबकि अनुच्छेद 370 पर सुनवाई हो रही है।”
पीडीपी प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि पूर्व मंत्री अब्दुल रहमान वीरी (Abdul Rehman Veeri), नईम अख्तर, आसिया नकाश, पीडीपी महासचिव गुलाम नहीं लोन हंजुरा, महासचिव (संगठन) मेहबूब बेग और जिला अध्यक्ष बडगाम मोहम्मद यासीन भट (Mohd. Yasin Bhat) को नजरबंद कर दिया गया है।
उन्होंने आगे कहा कि पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सैयद सुहैल बुखारी (Syed Suhail Bukhari), युवा अध्यक्ष वहीद उर रहमान पारा, राज्य सचिव अब्दुल हमीद कोहशीन, अतिरिक्त प्रवक्ता अब्दुल रौफ भट, जिला अध्यक्ष श्रीनगर अब्दुल कयूम भट और अन्य पार्टी नेताओं समेत कार्यकर्ताओं को अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में हिरासत में लिया गया। शेर-ए-कश्मीर पार्क (Sher-e-Kashmir Park) के पास पीडीपी हैडक्वार्टर की ओर जाने वाली सड़कों को सील कर दिया गया और किसी भी कर्मचारी को ऑफिस में घुसने की मंजूरी नहीं दी गयी।
जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC- Jammu Kashmir National Conference) ने भी कहा कि उसके कार्यालयों को पुलिस ने सील कर दिया है और किसी को भी वहां घुसने और वहां से बाहर निकलने का इजाजत नहीं दी जा रही है।
मामले को लेकर पार्टी ने ट्विटर पर अपना आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि- “5 अगस्त 2019 के विरोध में पार्टियों की ओर से आयोजित मुख्यधारा की लोकतांत्रिक गतिविधियों पर रोक को ध्यान में रखते हुए, जेकेएनसी कार्यालय को पुलिस द्वारा सील कर दिया है। किसी को भी ऑफिस के अंदर जाने या बाहर आने की इजाजत नहीं दी जा रही है। ये कदम प्रशासन की घबराहट को उजागर करते हैं और पिछले 4 सालों में बड़े सुधारों के उनके दावों को खोखला साबित करता हैं।”
बता दे कि आज (5 अगस्त 2023) को संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की चौथी सालगिरह है, जिसके नतीज़न जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा वापस ले लिया गया और जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया गया। सुप्रीम कोर्ट मौजूदा हालातों में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है।
इस बीच जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने बीते गुरुवार (3 अगस्त 2023) को कहा कि अनुच्छेद 370 अस्थायी था क्योंकि ये तय करने के लिये कश्मीर में जनमत संग्रह होना था कि वो भारत में शामिल होगा या पाकिस्तान में लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ। लोग अनुच्छेद 370 के अस्थायी प्रावधान होने के बारे में बात करते रहते हैं। ये अस्थायी था क्योंकि जनमत संग्रह में ये तय करना था कि कश्मीर किस अधिराज्य में शामिल होगा। वे जनमत संग्रह कभी नहीं हुआ। दिल्ली ने अपना खेल खेला है और वो अपना खेल खेल रही है। लोग पीड़ित हैं।”