नई दिल्ली (विश्वरूप प्रियदर्शी): जिस तरह प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना (Central Vista Redevelopment Project) के हिस्से के तौर पर नये संसद भवन का उद्घाटन करने के लिए तैयार हैं, कांग्रेस, टीएमसी (TMC) और आम आदमी पार्टी जैसे कई विपक्षी पार्टियों ने इस बड़े आयोजन का बहिष्कार करने का फैसला किया।
आम आदमी पार्टी ने कहा कि वो नए संसद भवन के उद्घाटन के खिलाफ मजबूत स्टैंड लेगी। अपने आधिकारिक बयान में आम आदमी पार्टी ने कहा कि- “हमें खासे परेशान है, संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) की ओर से नहीं किया जा रहा है। कई अन्य विपक्षी दल भी कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। हम समारोह का बहिष्कार करेंगे।”
टीएमसी और सीपीआई (TMC and CPI) ने बीते मंगलवार (23 मई 2023) को कहा कि वो भी विपक्षी दलों में शामिल होंगे और नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शिरकत नहीं करेगें, बता दे कि मोदी सरकार और कांग्रेस के बीच ज़ुबानी जंग जोरों पर है क्योंकि 28 मई को होने वाले इस समारोह में राष्ट्रपति की ओर नये संसद भवन का उद्घाटन कराने के लिये कांग्रेस की अगुवाई वाले विपक्षी खेमे ने उग्र तेवर दिखा दिये है।
राज्यसभा में टीएमसी के नेता डेरेक ओ ब्रायन (Derek O’Brien) ने पार्टी के फैसले का ऐलान करते हुए ट्विटर पर लिखा कि, “संसद सिर्फ एक नई इमारत भर नहीं है, ये पुरानी परंपराओं, मूल्यों, और नियमों के साथ संविधान का मूर्त रूप है – ये भारतीय लोकतंत्र की नींव है। आगामी रविवार को होने वाले नये संसद भवन के उद्धाटन कार्यक्रम में मैं खुद के बारे में ये कह सकता हूँ कि हम इसमें शिरकत नहीं करेगें। इसलिए हमें ना गिनें।”
इस बीच कांग्रेस ने भी पीएम मोदी की ओर उद्धाटन किये जाने वाले नये संसद भवन से जुड़े कार्यक्रम का बहिष्कार करने की संभावना के बारे में अपनी राय ज़ाहिर करते हुए कहा है कि अन्य विपक्षी दलों के रुख को ध्यान में रखते हुए पार्टी के फैसले का जल्द ही ऐलान किया जायेगा।
विपक्षी दलों ने दिसंबर 2020 में पीएम मोदी की ओर से नये संसद भवन की आधारशिला रखने के समारोह का बहिष्कार किया था। उस दौरान किसान विरोध, COVID-19 महामारी और लॉकडाउन के कारण आर्थिक संकट की चिंताओं का हवाला कांग्रेस की अगुवाई वाली विपक्षी पार्टियों ने दिया था।
विपक्षी दल पीएम मोदी से मेगा प्रोजेक्ट का उद्घाटन करने से पीछे हटने की मांग कर रहे हैं और गुज़ारिश कर रहे हैं कि राष्ट्रपति को पर्याप्त सम्मान देते हुए नये संसद भवन का उद्धाटन उनके हाथों से कराया जाना चाहिये। बता दे कि नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह के कार्यक्रम में अभी कोई बदलाव नहीं हुआ है।