नई दिल्ली (शौर्य यादव): भले ही दिल्ली सरकार कोरोना वॉरियर्स (Corona warriors) की सामाजिक सुरक्षा करने के कितने ही दावे कर ले। लेकिन आखिरकर उनके दावे शहीद सफाईकर्मी कोरोना योद्धा विनोद के मामले पर आकर थम जाते है। निगम सफाईकर्मी शहीद विनोद (Corporation sweeper Shaheed Vinod) ने बीते 24 अप्रैल 2020 को सर्वोच्च बलिदान (ultimate sacrifice) देते हुए ड्यूटी के दौरान संक्रमण की चपेट में आकर शहीद हो गये। दिल्ली सरकार ने उनके परिजनों को आजतक एक करोड़ की सम्मान राशि (Honor money) मुहैया नहीं करवायी। जिसके चलते परिजन लगातार परेशान हो रहे है। इसी महीने की 5 और 29 तारीख को परिवार वाले गुहार लगाने सीएम आवास पर पहुँचे, जहाँ से पुलिस वालों ने परिवारवालों को दुत्कार कर भगा दिया। प्रशासनिक खानापूर्ति करने के लिए उनसे प्रार्थनापत्र लेकर उसकी रिसीविंग दे दी गयी।
शहीद का परिवार लगातार दिल्ली सचिवालय, सीएम आवास, राजस्व विभाग और उत्तरी दिल्ली नगर निगम के चक्कर काट रहा है। लेकिन हर जगह उनकी फरियाद को लगातार अनसुना किया जा रहा है। गौरतलब है कि, शहीद निगम सफाईकर्मी विनोद लाजपत नगर में तैनात थे। उनकी ड्यूटी इंफेक्शन के लिहाज़ से बेहद संवेदनशील जगह लगी हुई थी। उन्हें निजामुद्दीन इलाके (Nizamuddin area) में तब्लीगी ज़मात के मरकज़ वाली इमारत के आस-पास के इलाके में सफाई की जिम्मेदारी दी गयी थी। जिसके बाद वो संक्रमण की चपेट में आ गये। खास बात ये भी है कि, खुद सीएम केजरीवाल कोरोना शहीद डॉक्टर असीम गुप्ता (Corona Martyr Doctor Aseem Gupta) और कोरोना शहीद सिविल डिफेंसकर्मी अरूण कुमार (Corona Martyr Civil Defense Person Arun Kumar) के घर खुद एक करोड़ की सम्मान राशि देने गये थे।
दिल्ली सफाई कर्मचारी एक्शन कमेटी के दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह चुड़ियाणा के मुताबिक- शहीद की सम्मान राशि से जुड़ी फाइल दिल्ली सरकार और नॉर्थ दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के दफ्तरों में चक्कर लगा रही है। पहले सम्मान राशि ना मिलने के पीछे डेथ ऑडिट कमेटी की रिपोर्ट (Death audit committee report) ना होने का हवाला दिया गया। जब हेल्थ डिपार्टमेंट (Health department) से ये रिपोर्ट हासिल कर लगा दी गयी तो, दिल्ली सरकार ने आदेश संख्या 1(26)DPMU/IDHS/SD/2020-2021/Ex-Gratia/2966 को 27 जुलाई को लागू कर दिया। इस आदेश के मुताबिक सम्मान राशि के हकदार सिर्फ वहीं शहीद कोरोना योद्धा के परिजन है। जिन कोरोना योद्धाओं की ड्यूटी दिल्ली सरकार ने लगाई हो। दूसरी ओर कोरोना योद्धा जो संक्रमण के रोकथाम और बचाव के कामों में लगे हुए और उनकी ड्यूटी के आदेश अगर दिल्ली सरकार की ओर से जारी नहीं हुए हो तो, उनके शहीद होने पर दिल्ली सरकार उनके परिवार वालों को ये सम्मान राशि मुहैया नहीं करवायेगी।
ये मामला अपने आप में कई बड़े और अहम सवाल खड़े करता है। सफाईकर्मी 24 अप्रैल 2020 को शहीद हुआ, तो ऐसे में 27 जुलाई 2020 के आदेश पर उनके हक़ की सम्मान राशि रोकना कहां तक जायज है? क्या शहादत के लिए ये देखा जायेगा कि दिल्ली में कोरोना योद्धा बचाव और रोकथाम का काम किसके आदेश पर कर रहे है? अगर 27 जुलाई को जारी किया गया आदेश किसी तरह का स्पष्टीकरण है तो, इसे 1 करोड़ रूपये के सम्मान राशि की घोषणा करने के साथ पहले क्यों नहीं जारी किया गया? आखिर दिल्ली के सीएम केजरीवाल कोरोना योद्धाओं की शहादत में ये भेदभाव क्यों कर रहे है?