महबूबा मुफ्ती ने की केन्द्र सरकार से गुजारिश, Pakistan से हो बातचीत

नई दिल्ली (गौरांग यदुवंशी): बीते हफ़्ते के दौरान जम्मू कश्मीर आंतकी हमलों से दहल उठा। इस बीच पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती पाकिस्तान (Pakistan) से बातचीत करने के लिए केन्द्र सरकार से आगे आने की गुजारिश कर रही है। उनके मुताबिक इस कवायद से अगर मोदी सरकार इस्लामाबाद से बातचीत के लिए आगे आती है तो केंद्रशासित प्रदेश में शांति सुनिश्चित होगी साथ ही घाटी में खूनखराबा रोकने में भारी मदद मिलेगी।

बीते शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए, मुफ्ती ने केंद्र सरकार से पाकिस्तान और जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ बातचीत करने का आग्रह किया। साथ ही मोदी सरकार को घाटी में हिंसा को रोकने के लिए नये सिरे से हल खोजने के तरीकों पर ध्यान देने की जरूरत बतायी। इस मौके पर उन्होनें कहा कि- आखिर कब तक जम्मू-कश्मीर पुलिस और जवानों की बलि दी जाएगी। बीजेपी बार-बार कहती है कि पाकिस्तान यहां (जम्मू और कश्मीर) हिंसा फैलाता है। ऐसे में मोदी सरकार को तुरन्त बातचीत की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। चाहे वो यहां हो या पाकिस्तान के साथ।

उन्होनें कहा कि ये मुद्दा बेहद गंभीर है। मोदी सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए और बातचीत की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। जिस तरह से केंद्रशासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर (Union Territory of Jammu and Kashmir) में आंतकी वारदातों में एकाएक बढ़ोत्तरी हुई है। जिसे देखते हुए लगता है कि ये मुद्दा बेहद संजीदा है। हम अपने पुलिस कर्मियों और घाटी की आव़ाम को यूं ही नहीं गंवा सकते। समस्या के हल के लिए भाजपा सरकार को नेकनीयती से आगे आना होगा।

महबूबा मुफ्ती का ये बयान उस वक़्त सामने आया। जब वो शहीद पुलिस कांस्टेबल सुहैल अहमद के शोकाकुल परिजनों से मिली। कांस्टेबल सुहैल अहमद बीते शुक्रवार को आंतकी वारदात में शहीद हो गये थे। इस मामले पर महबूबा ने कहा कि, शहीद कांस्टेबल सुहैल अहमद (Shaheed Constable Suhail Ahmed) उसके दो छोटे बच्चे हैं। सुहैल के वालिद की मौत तब हुई जब वो खुद भी चार साल का था। अब ये लोग क्या करेगें। इस दौरान जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक ज़वान शहीद हो गया। साथ ही 19 फरवरी को बडगाम जिले में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच हुई एक अलग मुठभेड़ में ज़वान घायल हुआ ।

गौरतलब है कि 19 फरवरी को श्रीनगर के बारज़ुल्ला के बाग़त इलाके में हुए आतंकवादी हमले में दो पुलिसकर्मी शहीद हुए थे। ठीक उसी दिन एक मुठभेड़ के दौरान जम्मू और कश्मीर के शोपियां जिले के बडगाम इलाके में तीन आतंकवादी मारे गए थे।

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