न्यूज डेस्क (प्रियंवदा गोप): नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी ने आज (27 मार्च) कहा कि कर्ज तले डूबी नेशनल एयरलाइन एयर इंडिया (Air India) में विनिवेश 100 फीसदी होगा। उन्होंने बताया कि भावी खरीदारों के पास अपनी बोली लगाने के लिये 64 दिन का वक़्त है। जल्द ही नेशनल एयरलाइन को अपना नया मुकाम मिल जायेगा। इस मुद्दे पर उन्होनें खुलकर कहा कि- हमने तय किया है कि एयर इंडिया का विनिवेश 100% होगा। ये विकल्प विनिवेश और गैर-विनिवेश के बीच नहीं है। ये विनिवेश और बंद होने के बीच है। एयर इंडिया फर्स्ट रेट असेट है, लेकिन ये 60,000 करोड़ रुपये के कर्ज में डूबी हुई है। हमें स्लेट साफ करने की जरूरत है। ये एक नया घर खोजने जैसा होगा।
केंद्रीय मंत्री ने बीते शुक्रवार को कहा कि, सरकार एयर इंडिया में विनिवेश के लिए एक नयी समयसीमा के विकल्प को देख रही है। जिसके तहत आने वाले दिनों में वित्तीय बोलियों को आमंत्रित किया जायेगा। कई संस्थाओं ने पिछले महीने एयरलाइन में सरकार की हिस्सेदारी के लिये बोली लगाने में रुचि व्यक्त की थी। एयर इंडिया लिमिटेड के लिए शॉर्टलिस्ट किये गये बोलीदाताओं को अगले दो महीनों में अपना प्रस्ताव सामने रखना होगा, क्योंकि सरकार एयर इंडिया का सौ फीसदी विनिवेशीकरण चाहती है। जिसके होने की पूरी उम्मीद है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि पिछली बैठक में सोमवार (22 मार्च 2021) को ये तय किया गया था कि शॉर्टलिस्ट किये गये बोलीदाताओं (एयर इंडिया विनिवेश के लिए) को सूचित किया जाये कि बोलियों 64 दिनों के भीतर लगा दी जाये। इस मामले को लेकर सरकार दृढ़ संकल्प है और इसमें कोई संकोच नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब तक टाटा ग्रुप, अपने कॉर्सिटियम के रास अल खैमाह इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी के साथ स्पाइसजेट के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर अजय सिंह और बर्ड ग्रुप के अंकुर भाटिया बोली लगाने की दौड़ में आगे चल रहे है। गौरतलब है कि सरकार अपने पिछले प्रयास में दिवालिया हो चुकी एयरलाइन को बेचने में नाकाम रही थी। सरकार का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2022 में एयर इंडिया का पूरी तरह से निजीकरण करना है।