नई दिल्ली (मातंगी निगम): Minor Girl Rape Case: तीस हजारी कोर्ट के बच्चों के यौन अपराध संरक्षण अधिनियम (POCSO) स्पेशल जज ने आज (23 अगस्त 2023) बलात्कार के मामले में दिल्ली सरकार (Delhi Government) के सस्पेंड अधिकारी प्रेमोदय खाखा (Premoday Khakha) और उनकी पत्नी सीमा रानी को 6 सितंबर तक 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। दिल्ली सरकार के अधिकारी प्रेमोदय खाखा पर आरोप है कि उन्होनें एक नाबालिग लड़की का कई महीनों तक यौन उत्पीड़न किया, जिसके चलते वो गर्भवती हो गयी।
इससे पहले बीते सोमवार (21 अगस्त 2023) को दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने नाबालिग से कथित यौन उत्पीड़न के मामले में सरकारी अधिकारी और उसकी पत्नी को गिरफ्तार किया था। दिल्ली पुलिस के मुताबिक नाबालिग पीड़िता के पिता जो कि दिल्ली सरकार (Delhi Government) के कर्मचारी थे, उनकी मौत के बाद नाबालिग लड़की अक्टूबर 2020 से फरवरी 2021 तक बुराड़ी में आरोपी के साथ रही।
आरोपों को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) ने आरोपी अधिकारी को जांच लंबित रहने तक निलंबित कर दिया। इस मामले में जारी सर्कुलर ऑर्डर में कहा गया कि- “केंद्रीय सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) 1965 के नियम 10 के उप-नियम (1) का इस्तेमाल करते हुए सहायक निदेशक प्रेमोदय खाखा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।”
मामले पर पुलिस उपायुक्त (उत्तर) सागर सिंह कलसी ने हाल ही में कहा कि मामले में आगे की जांच चल रही है। इस बीच दिल्ली महिला आयोग (Delhi Women’s Commission) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) ने आज (23 अगस्त 2023) दिल्ली पुलिस को नोटिस भेजकर आरोपियों की जानकारी मांगी। स्वाति मालीवाल ने ये भी जानना चाहा कि क्या शिकायतकर्ता की शिकायत पर नामजद किये गये सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और 164 सीआरपीसी के तहत पीड़िता का बयान दर्ज करने के लिये दिल्ली पुलिस ने क्या कदम उठाए हैं? उन्होंने मामले में की गयी कार्रवाई पर भी रिपोर्ट मांगी।
डीसीडब्ल्यू की ओर से दिल्ली पुलिस को भेजे गये नोटिस में कहा गया है, “आयोग ये बताना चाहता है कि अब तक इस गंभीर मामले में अब तक नाबालिग पीड़िता के 164 सीआरपीसी के तहत बयान दर्ज नहीं किये गये है। मौजूदा हालातों में पीड़िता काफी गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है।”
बता दे कि स्वाति मालीवाल उस अस्पताल में धरने पर बैठ गयी जहां नाबालिग भर्ती है, उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें उससे मिलने की मंजूरी नहीं दी गयी। दिल्ली महिला आयोग की पैनल प्रमुख ने दिल्ली पुलिस पर गुंडागर्दी का आरोप लगाते हुए सवाल किया कि जब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की अध्यक्ष उसकी मां से मिली थीं तो उन्हें नाबालिग या उसके परिजनों से मिलने की मंजूरी क्यों नहीं दी जा रही?