न्यूज़ डेस्क (नई दिल्ल्ली): चीन (China) के साथ सीमा गतिरोध के बीच, केंद्र सरकार ने बुधवार को घोषणा की कि वह चीन के कुछ दूरसंचार विक्रेताओं (telecom vendors) को ब्लैकलिस्ट कर सकती है और विश्वसनीय प्रदाताओं (trusted providers) की एक सूची तैयार कर सकती है जहां से उपकरण ख़रीदा जा सकता है।
सरकार के कदम का प्रभावी ढंग से मतलब है कि चीन के कुछ दूरसंचार उपकरण विक्रेताओं को ताजा प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि दूरसंचार क्षेत्र में उन कंपनियों की सूची होगी जहां से कंपनियां सुरक्षित रूप से उत्पाद और सेवाएं खरीद सकती हैं।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Union minister Ravi Shankar Prasad) ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि कैबिनेट की सुरक्षा समिति ने विश्वसनीय विक्रेताओं को नामित करके “दूरसंचार क्षेत्र की सुरक्षा बढ़ाने” का निर्णय लिया। उन्होंने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि क्या चीन को ध्यान में रखते हुए ये निर्णय लिया गया है।
इस साल मई में सीमा गतिरोध के बाद से, इस बात की चिंता बढ़ गई है कि चीन द्वारा निर्मित तकनीक और दूरसंचार उपकरणों का उपयोग करना भारत पर जासूसी करने वाले देश के लिए उत्तरदायी होगा। भारत में संवेदनशील डेटा की सुरक्षा और इसे घर में रखने की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि कंपनियां इन भरोसेमंद स्रोतों से दूरसंचार उपकरण खरीद सकेंगी। यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था। उन्होंने यह भी कहा कि “ऑपरेटरों के साथ मौजूदा दूरसंचार उपकरण प्रभावित नहीं होंगे।”