नई दिल्ली (शौर्य यादव): कांग्रेस (Congress) ने आज (11 अगस्त 2023) मोदी सरकार पर सीधा हमला करते हुए आरोप लगाया कि मोदी सरकार चुनावी साल में चुनाव आयोग पर अपनी पकड़ को मजबूत करना चाहती है। जून 2012 में वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) की ओर से तत्कालीन प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह को लिखे गये एक खत को साझा करते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश (Congress leader Jairam Ramesh) ने यहां तक कहा कि पूर्वाग्रह की किसी भी धारणा को दूर करने के लिये संवैधानिक निकायों में नियुक्तियां द्विदलीय तरीके से की जानी चाहिये।
बता दे कि केंद्र सरकार ने बीते गुरुवार (10 अगस्त 2023) को राज्यसभा (Rajya Sabha) में एक विवादास्पद विधेयक पेश किया, जिसमें मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों के चयन के लिये पैनल में भारत के मुख्य न्यायाधीश की जगह कैबिनेट मंत्री को शामिल करने का प्रावधान है, जिससे सरकार को चुनाव आयोग में पोल पैनल के सदस्यों की नियुक्तियों में ज्यादा नियंत्रण हासिल करने की मंजूरी मिलेगी।
जयराम रमेश ने कहा कि आडवाणी ने उस वक्त प्रधानमंत्री के अलावा भारत के मुख्य न्यायाधीश और दोनों सदनों में विपक्ष के नेताओं के साथ एक पैनल का भी प्रस्ताव रखा था। कांग्रेस नेता ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि- “अपने मौजूदा स्वरूप में सीईसी विधेयक समिति के 2:1 दबदबे में कार्यकारी दखल सुनिश्चित करेगा। चुनावी साल में मोदी सरकार की ओर से ये विचार इस बात को और मजबूत करता है कि मोदी चुनाव आयोग पर नियंत्रण सुनिश्चित करना चाहते हैं।”
आडवाणी ने मनमोहन सिंह को लिखा था कि, ”देश में एक राय तेजी से बढ़ रही है, जो कि मानती है कि चुनाव आयोग (Election Commission) जैसे संवैधानिक निकायों में नियुक्तियां द्विदलीय आधार पर की जानी चाहिये। पक्षपात या पारदर्शिता और निष्पक्षता जैसी कमी की किसी भी धारणा को दूर किया जाना चाहिये” इसी बात को रखते हुए जयराम रमेश ने कहा कि, ”नहीं ये मोदी के आलोचक नहीं है। ये 2 जून, 2012 को तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह (Dr. Manmohan Singh) को लिखे गये आडवाणी के खत के दूसरे पैरा का एक अंश है। आप ये खत अभी भी भाजपा की वेबसाइट पर पा सकते हैं।”
आडवाणी ने कहा था कि सीईसी और चुनाव आयुक्तों का चयन करने के लिये उनकी ओर से प्रस्तावित समिति में सीजेआई के साथ संसद के दोनों सदनों के विपक्ष के नेता शामिल होंगे। जयराम रमेश ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि- “मोदी सरकार की ओर से लाया गया सीईसी विधेयक न सिर्फ आडवाणी की ओर से प्रस्तावित प्रस्ताव के खिलाफ है, बल्कि 2 मार्च 2023 के 5 न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ के फैसले को भी पलट देता है।
कांग्रेस नेता ने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि, ”एक संवैधानिक निकाय के तौर पर चुनाव आयोग के कामकाज में स्वतंत्रता की अनुमति देने के लिए, मुख्य चुनाव आयुक्तों (CEC- Chief Election Commissioners) के साथ-साथ चुनाव आयुक्तों (Election Commissioners) के कार्यालय को कार्यकारी दखल से अलग रखना होगा।”
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल नये सीईसी विधेयक का विरोध कर रहे हैं। बता दे कि इसी साल मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना (Chhattisgarh and Telangana) में चुनाव होंगे।