न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee), जो कि केंद्र के खिलाफ खुलकर बोलने के लिये जानी जाती हैं, ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी “देश के संघीय ढांचे (Federal Structure) को कमजोर कर रही है”।
इसके अलावा पश्चिम बंगाल के सीएम ने कहा कि केंद्र कई मामलों में “दखल देने की कोशिश” कर रहा है, पीटीआई की रिपोर्ट की मुताबिक ममता बनर्जी ने दावा किया कि, भाजपा “एडोल्फ हिटलर, जोसेफ स्टालिन या बेनिटो मुसोलिनी जैसे तानाशाहों के शासन से भी ज़्यादा बदतर शासन देश में चला रही है।
बनर्जी ने ये भी कहा कि अगर भारत में लोकतंत्र की रक्षा करनी है तो केंद्रीय एजेंसियों (Central Agencies) को अधिक स्वायत्तता दी जानी चाहिए। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ये बयान देते हुए, ममता बनर्जी ने भाजपा के अगुवाई वाली केंद्र सरकार को “तुगलकी शासन” बताया।
ममता बनर्जी ने आगे कहा कि, “भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार राज्य के मामलों में दखल देने के लिये केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल लगातार कर रही है। ये देश के संघीय ढांचे को तोड़ने वाला प्रयास है। देशभर में तुगलकी शासन लागू कर दिया गया है।”
बिना किसी का नाम लिये टीएमसी (TMC) सुप्रीमो ने कहा कि “एजेंसियां काम नहीं कर सकती क्योंकि स्वायत्तता नहीं है। स्वायत्तता दो व्यक्तियों और भाजपा के हाथों में है। इस तरह का सियासी दखल एडॉल्फ हिटलर, जोसेफ स्टालिन या बेनिटो मुसोलिनी (Benito Mussolini) के वक्त में नहीं देखा गया था।”
इससे पहले ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं समेत अपने विरोधियों को परेशान करने के लिये सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय और एनसीबी (CBI, Enforcement Directorate and NCB) जैसी केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। इस तरह उन्होनें मांग की कि इन एजेंसियों को स्वायत्त होना चाहिये।
बता दे कि ममता बनर्जी का ये बयान ऐसे वक्त में सामने आ रहा है, जब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) पश्चिम बंगाल में टीएमसी से जुड़े कई मामलों की जांच कर रहा है, जिनमें बलात्कार, तस्करी, हिंसा और हमले के मामले शामिल हैं, जिनमें से ज्यादातर वारदातें राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा से जुड़ी हुई हैं।
केंद्रीय एजेंसियों की स्वायत्तता के बारे में ममता बनर्जी ने कहा कि- “मैं चाहती हूं कि केंद्र सरकार की एजेंसियों को स्वायत्तता दी जाये ताकि वो निष्पक्ष रूप से काम कर सकें। कोई राजनीतिक प्रतिशोध नहीं होना चाहिये। सरकार एजेंसी के कर्मचारियों को तनख्वाह दे और कुछ नहीं। मैं इस मुद्दे को उठाने वाली पहली शख़्स नहीं हूं। अगर हम भारत में लोकतंत्र को बचाना चाहते हैं तो ऐसा करना होगा।’
गौरतलब है कि हाल ही में पश्चिम बंगाल की सीएम ने भी ऐलान किया है कि वो राज्य में पेट्रोल और डीजल पर वैट (VAT) कम नहीं करेंगी, ये एक ऐसा कदम जिसे कई राज्यों द्वारा चुना जा रहा है। उन्होंने केंद्र पर राजस्व में “करोड़ कमाने” के लिये उत्पाद शुल्क का इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया।