नई दिल्ली (श्री हर्षिणी सिंधू): मोदी सरकार (Modi Govt.) ने आज ऐलान किया कि वो फौरी तौर पर से कुछ इलाकों में अपने बफर स्टॉक से प्याज (Onion Buffer Stock) जारी करेगा ताकि अक्टूबर से नई फसल आने तक कीमतें काबू में बनी रहें। सरकार की ओर से कहा गया कि प्याज के निपटान के लिये कई विकल्पों तलाशा जा रहा है: ई-नीलामी, ई-कॉमर्स के साथ-साथ राज्यों के जरिये उपभोक्ता सहकारी समितियों (Consumer Cooperatives) और निगमों की खुदरा दुकानों पर रियायती दामों पर प्याज मुहैया करवायी जा सके।
सरकार ने मौजूदा हालातों में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिये मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) के तहत 3 लाख टन प्याज का बफर स्टॉक बना रखा। अगर कम आपूर्ति वाले मौसम के दौरान दरें काफी बढ़ जाती हैं तो इस तुरन्त इस्तेमाल किया जायेगा।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक प्याज की कीमतें थोड़ी बढ़नी शुरू हो गयी हैं क्योंकि 10 अगस्त को प्याज की देश भर में खुदरा कीमत 27.90 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो कि एक साल पहले की अवधि में 2 रुपये प्रति किलोग्राम से थोड़ी ज्यादा थी। मामले पर उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह (Consumer Affairs Secretary Rohit Kumar Singh) ने कहा कि, ”हम तुरंत बफर स्टॉक से प्याज जारी करेंगे।”
इसी क्रम में सहकारी संस्था नेफेड और नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NCCF- National Cooperative Consumers Federation of India Limited) के अधिकारियों के साथ चर्चा के बाद प्याज को खुली मार्केट में निकालने के तौर-तरीकों को अंतिम रूप दिया गया।
मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा कि वो उन राज्यों या इलाकों के प्रमुख बाजारों को टारगेट करके प्याज का स्टॉक जारी करेगा, जहां खुदरा कीमतें अखिल भारतीय औसत से ऊपर चल रही हैं और जहां पिछले महीने और साल में कीमतों में इज़ाफा सीमा स्तर से ऊपर है।
ई-नीलामी के जरिये प्याज बेचने और ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों पर खुदरा बिक्री की भी संभावनायें तलाशी जा रही है। उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों पर प्याज उपलब्ध कराने के मकसद से प्याज को मार्केट में उतारने और उसकी मात्रा को हालातों के मद्देनज़र तय किया जायेगा
बाजार निपटान के अलावा राज्य सरकारों को उनके उपभोक्ता सहकारी समितियों और निगमों की खुदरा दुकानों के जरिये बिक्री के लिये रियायती दरों पर पेशकश करने का भी फैसला लिया गया है
चालू वित्त वर्ष में बफर स्टॉक के लिये कुल तीन लाख मीट्रिक टन प्याज की खरीद की गयी है, जिसे हालातों की मांग के मुताबिक और बढ़ाया जा सकता है।
NAFED और NCCF ने जून और जुलाई के दौरान महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से 1.50 लाख टन रबी प्याज की खरीद की थी। इस साल स्टोरेज हानि को कम करने के मकसद से भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC- Bhabha Atomic Research Center) के सहयोग से पायलट आधार पर प्याज का रेडियेशन भी शुरू किया गया था। लगभग 1,000 टन इस दौरान विकिरणित किया गया था और नियंत्रित हालातों प्याज भंडारण किया गया था।
सालाना बफर का निर्माण कमजोर मौसम के दौरान प्रमुख खपत केंद्रों में जारी करने के लिये रबी की फसल से प्याज खरीदकर किया गया है। पिछले चार सालों में प्याज का बफर आकार तीन गुना हो गया है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में एक लाख टन से बढ़कर ये वित्तीय 2023-24 में तीन लाख मीट्रिक टन तक पहुँच गया।
मामले को लेकर मंत्रालय ने कहा कि, “प्याज के बफर स्टॉक ने उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों पर प्याज की उपलब्धता सुनिश्चित करने और मूल्य स्थिरता बनाये रखने में अहम भूमिका निभायी है।” अप्रैल-जून के दौरान रबी प्याज की कटाई भारत के प्याज उत्पादन का 65 फीसदी है और अक्टूबर-नवंबर में खरीफ फसल की कटाई तक ये उपभोक्ताओं की मांग को पूरा करती है।