न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): गलवान, अरूणाचल प्रदेश और भारत-भूटान ट्राइजंक्शन पर बीतों सालों में चीन (China) की दादागिरी देखने को मिली। बीजिंग से हुई झड़पों और संघर्षों के बाद मोदी सरकार को कई अहम सबक सीखने को मिले जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में रक्षा मंत्रालय और स्थायी रक्षा समिति ने कई अहम संसदीय फैसले इस संदर्भ में लिेये। जो भविष्य में ड्रैगन के खिलाफ भारतीय सेना को एडवांस टेक्टिकल एडवांटेज (Advance Tactical Advantage) देगें।
चीन से हुई झड़पों के दौरान ये सामने आया कि भारत से लगी सीमा पर चीन ने बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर और रोड का नेटवर्क बनाया जिसकी मदद से पीपुल्स लिबरेशन आर्मी तेजी से सैनिक, रसद और हथियार सीमाई इलाके में पहुँचा सकती है। साथ ही बेहद कम वक़्त में अपनी ड्रोन यूनिट, आर्टिलरी बिग्रेड, आर्म्ड कोर्प्स और एयर डिफेंस सिस्टम को भारत के खिलाफ तैयार कर सकती है। चीनी इफैंट्री तेजी से अरूणाचल, सिक्किम और लद्दाख के पूर्वी मोर्चे पर तुरन्त कहीं भी पहुंचने में काबिल थी।
इन्हीं मसलों पर ध्यान देते हुए मोदी सरकार ने एक मास्टर प्लान तैयार किया जिसकी कमान बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) को सौंपी गयी। जो कि भारतीय सेना के तहत काम करने वाला संगठन है। बीआरओ ने करीब 5 सालों का काम एक ही साल में निपटा दिया जिसके तहत पिछले साल करीब 1200 किलोमीटर की सड़कों का जाल सीमाई इलाके में तैयार किया गया।
China के खिलाफ मोदी के मास्टरप्लान के तहत BRO ने किये ये शानदार काम
- बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन ने अब तक 12 नयी उच्च गुणवत्ता वाली स्ट्रैटेजिक सड़के के तैयार की। जिनमें से 10 सड़के अरुणाचल प्रदेश, एक सड़क जम्मू कश्मीर और एक सड़क लद्दाख में तैयार की गयी।
- बॉर्डर पर फैले सड़कों के नये जाल से वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास भारतीय सुरक्षाबलों की पकड़ काफी मजबूत हुई। साथ ही एलएसी पर वायु सेना को राफेल की ताकत बखूबी हासिल हो रही है।
- सामरिक दृष्टि से संवेदनशील जम्मू कश्मीर, लद्दाख और अरूणाचल प्रदेश में करीब 85 फीसदी इफ्रांस्ट्रक्चर डेवपलमेंट के कामों का बागडोर बीआरओ संभाल रहा है।
- बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन के कामों की अहमियत को देखते हुए बीते वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान बीआरओ का सलाना बजट 11,000 करोड़ रूपये निर्धारित किया गया।
- चीन को करारा ज़वाब देने के लिये भारतीय सेना ने रोहतांग में अटल टनल बनायी। जो कि सभी मौसमी हालातों में ऑप्ररेशनल रहेगी। इससे भारतीय सेना को हाई मोबिलिटी मिलेगी। साथ ही स्थानीय निवासियों को भारी राहत
- अटल टनल परियोजना के बाद चीन पर नकेल कसने के लिये भारतीय सेना जोज़िला पास पर 14 किलोमीटर लंबी सुरंग बना रही है। इसके साथ ही शिंकुन ला पास में भी 4.25 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाने का काम जोरों पर चल रहा है। इसक प्रोजेक्ट की डेडलाइन 2024 तय की गयी है।
रोड नेटवर्क और इफ्रांस्ट्रक्चर डेवलपमेंट के साथ साथ मोदी सरकार ने चीन को केंद्र में रखते हुए कई बड़े कदम उठाये। एशिया प्रशांत में क्वाड की जुगलबंदी (Quad Collaboration) मेक इन इंडिया के तहत घरेलू मोर्चें पर हथियारों का निर्माण और कई बड़ी डिफेंस डीलों ये सभी मिलकर चीन को परेशान करने के लिये काफी है। ड्रैगन के खिलाफ प्लानिंग में पहले के मुकाबले अब हम काफी मजबूत स्थिति में आ गये है। इसके साथ ही आने वाले दिनों में चीन के खिलाफ कई और बड़ी परियोजनाओं को खुलासा केंद्र सरकार कर सकती है।