न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): आज लगातार तीसरे हफ्ते भी संसद के दोनों सदनों में गतिरोध (Monsoon Session Deadlock) बना हुआ है। विपक्ष लगातार सरकार पर आरोप लगा रहा है कि वो जवाबदेही से बचने के लिए मुद्दों पर चर्चा करने से बच रही है, पेगासस के मुद्दे पर आज भी दोनों सदनों की कार्रवाई पूरी तरह बाधित होते हुए दिखाई दी। पेगासस जासूसी, कृषि कानून और बढ़ती महंगाई के मुद्दे पर विपक्षी दल लगातार हमलावर रुख अख्तियार किये हुए हैं। सरकार और विपक्ष दोनों ही फिलहाल अपने अड़ियल रुख पर कायम है।
इस मुद्दे पर मलिकार्जुन खड़गे ने कहा कि गरीब और गरीबों की समस्याओं के लिये राहुल गांधी पूरी प्रतिबद्धता के साथ मैदान में डटे हुए हैं। वो लगातार राजनीतिक दलों को एक मंच के अंतर्गत लाने की कोशिश कर रहे हैं। हम पेगासस और दूसरे मुद्दों पर चर्चा करना चाहते हैं जिसके लिये सरकार तैयार नहीं है। जब भाजपा विपक्ष में थी तो संसदीय कार्यवाही (Parliamentary Proceedings) के दो सत्र पूरी तरह बाधित रहे। भाजपा के कई बड़े नेताओं ने तब कहा था कि व्यवधान और कार्यवाही बाधित करने से लोकतंत्र की रक्षा सुनिश्चित होती है।
आज राज्यसभा की कार्रवाई शुरू होने के साथ कांग्रेसी सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने राज्यसभा के नियम 267 के अंतर्गत केंद्र सरकार को तीनों कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए निलंबन नोटिस (Suspension Notice) की सूचना दी। इसी के साथ तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने लोकसभा में पेगासस प्रोजेक्ट मीडिया रिपोर्ट पर चर्चा के लिये सदन में स्थगन प्रस्ताव (Adjournment Motion) का नोटिस दिया। खास बात ये रही कि सदन की रणनीति तय करने के लिए आज तड़के सुबह 10:00 बजे कांग्रेसी नेता और राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने ऑफिस में समान विचारधारा रखने वाले राजनीतिक दलों के नेताओं की एक बैठक का आह्वान किया था। जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा की गयी।
इसी क्रम में कांग्रेसी सांसद मनीष तिवारी पेगासस प्रोजेक्ट मीडिया रिपोर्ट (Pegasus Project media report) पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया ठीक इसी तर्ज पर कांग्रेस सांसद मलिकम टैगोर ने भी इसी मुद्दे को लेकर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया। मौजूदा गतिरोध के कारण दोनों ही सदनों में संसदीय कार्यवाही बाधित हुई जिसके कारण दोनों ही सदनों के अध्यक्षों को कार्रवाईयां रोकनी पड़ी। हालांकि विपक्षी दलों के हंगामे के बीच लोकसभा में अनिवार्य रक्षा सेवा विधेयक 2021 को मंजूरी दी गयी।