न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): हिजाब और बुर्का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते गुरूवार (19 जनवरी 2023) उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले (Moradabad District) में बुर्का पहनी हुई छात्राओं को कॉलेज में घुसने से रोक दिया गया। मामले पर कॉलेज ने कहा कि बुर्का और हिजाब कॉलेज की आधिकारिक वर्दी का हिस्सा नहीं है। मुस्लिम छात्राओं ने दावा किया कि कॉलेज ने उनकी एन्ट्री को रोका गया और उन्हें एन्ट्री गेट पर इसे हटाने के लिये मजबूर किया गया। इसी मुद्दे को लेकर समाजवाड़ी छात्र सभा (Samajwadi Chhtra Sabha) के छात्रों और कॉलेज के प्रोफेसरों के बीच हाथापाई भी हुई।
इस बीच कॉलेज के प्रोफेसर एपी सिंह (Professor AP Singh) ने कहा कि जो लोग वर्दी से जुड़ी नियमों को नहीं मान रहे है, उन्हें कॉलेज में आने की मंजूरी नहीं मिलेगी। बता दे कि जनवरी 2022 में कर्नाटक (Karnataka) के उडुपी (Udupi) के एक कॉलेज में भी इस तरह का विवाद देखा गया था, जहां कुछ मुस्लिम छात्राओं को हिजाब और बुर्का पहनने के चलते कॉलेज में घुसने से रोक दिया गया था।
इस मामले को तब कर्नाटक उच्च न्यायालय (Karnataka High Court) में ले जाया गया, जहां शिक्षा संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं को खारिज कर दिया और कहा कि हिजाब पहनना इस्लाम (Islam) का जरूरी हिस्सा नहीं है। 13 अक्टूबर 2022 को कर्नाटक हिजाब प्रतिबंध मामले में ये फैसला संवैधानिक पीठ द्वारा सुना गया। इस बीच मुरादाबाद के इस विवाद में हिंदू कॉलेज ने गेट पर हिजाब और बुर्का (Hijab and Burka) उतारने के लिये एक कमरा बना दिया है, जहां मुस्लिम महिलायें कॉलेज में एन्ट्री करने से पहले अपने बुर्का और हिजाब को हटा सकती हैं।
प्रोफेसर एपी सिंह ने कहा कि, “किसी भी धर्म के छात्रों को तयशुदा ड्रेस कोड के साथ ही कॉलेज में प्रवेश दिया जायेगा। कॉलेज के गेट पर लड़कियों के लिये चेंजिंग रूम बनाया गया है, जहां छात्रायें कॉलेज में घुसने से पहले बुर्का और हिजाब उतार सकती हैं।”
सामने आये कुछ सोशल मीडिया वीडियो में छात्रों और शिक्षकों के बीच हाथापाई होती दिख रही है। हालांकि कॉलेज प्रशासन ने दावा किया कि मुस्लिम छात्रों को इस फैसले से कोई परेशानी नहीं है। मुस्लिम लड़कियां अब फैसले से संतुष्ट हैं और साथ ही ये दावा किया कि उन्होंने हाथापाई को गलत बताया।