न्यूज डेस्क (श्री हर्षिणी सिंधू): रामायण कथा वाचक मोरारी बापू (Morari Bapu) ने सद्भावना के तौर पर 228 भारतीय ओलंपिक दस्ते को 57 लाख रुपये दिये। उन्होनें ये कदम देश को गौरव दिलाने वाले एथलीटों की हौंसलाअफजाई करते हुए उन्हें सम्मानित के लिये उठाया। भारत की ओर से 127 खिलाड़ी टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में शामिल हुए थे। मोरारी बापू के मुताबिक वो खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों और सहायक स्टाफ के बीच कोई अंतर नहीं करना चाहते इसलिये प्रत्येक व्यक्ति का योगदान मायने रखता है।
इस कवायद के तहत भारतीय ओलंपिक में शामिल दल के प्रत्येक सदस्य को श्री चित्रकूट धाम, तलगजरदा (गुजरात) के तत्वाधान में 25000/- रुपये की प्रतीकात्मक राशि (Symbolic Amount) दी जायेगी। इस मौके पर मोरारी बापू ने कहा कि जीत-हार का कोई मायने नहीं रखती, लेकिन पूरे जोश के साथ प्रतियोगिता में हिस्सा लेना ज़्यादा जरूरी है। ये दुनिया भर के खिलाड़ियों के बीच भाईचारे की भावना को बढ़ाता है। बापू ने ये ऐलान बीते 07 अगस्त को मानस अमरकंटक में अपने प्रवचन के दौरान किया। भारतीय ओलंपिक संघ (Indian Olympic Association) ने खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिये उनके इस कदम का स्वागत किया।
भारतीय ओलंपिक संघ के महासचिव राजीव मेहता ने कहा कि, "भारतीय ओलंपिक संघ मोरारी बापू की इस शानदार पहल का आभारी है। जिस तरह से वो हमारे एथलीटों की सराहना और समर्थन कर रहे है ये वाकई शानदार पहल है। हमारे खिलाड़ियों ने कड़ी मेहनत की और खेलों में देश को गौरव दिलवाया। भारतीय खेल बिरादरी टोक्यो ओलंपिक खेलों के दौरान हमारे बहादुर एथलीटों, अधिकारियों और सहयोगी स्टाफ के प्रयासों की सराहना करने के लिए मोरारी बापू जी के आशीर्वाद और सद्भावना (Blessings And Goodwill) की तारीफ करती है।
मोरारी बापू ने कहा था कि उन्हें अपने गुरु और दादा त्रिभुवनदास जी से उन्हें इस काम को करने की प्रेरणा मिली। गौरतलब है कि मोरारी बापू ने 'सत्य, प्रेम और करुणा' का संदेश फैलाते हुए भारत समेत दुनिया भर में 850 से ज्यादा मुल्कों में रामकथा का वाचन किया है। कई मौकों और कई मंचों पर उन्होनें राष्ट्र निर्माण और पर्यावरण संरक्षण (Nation building and environmental protection) की वकालत भी की है।