एजेंसियां/न्यूज डेस्क (समरजीत अधिकारी): ताइवान (Taiwan) ने अब तक 2021 में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फ़ोर्स (PLAAF) के सैन्य विमानों के जरिये अपने वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (Air Defence Identified Zone-ADIZ) में 950 घुसपैठ देखी, जो पिछले साल के मुकाबले 60 फीसदी ज़्यादा है। इसके अलावा ताइवानी मीडिया (Taiwanese Media) ने बताया कि विवादित द्वीप पर घुसपैठ की तादाद में और इज़ाफे आशंका है क्योंकि चीन ने पिछले कुछ सालों बीजिंग ने घुसपैठ तेज कर दी है।
साल 2022 में ताइवान जलडमरूमध्य (Taiwan Strait) के दो किनारों पर अहम सियासी घटनाओं पर तनाव बढ़ने के कारण चीनी सैन्य विमानों की घुसपैठ (Chinese Military Planes Infiltrated) उड़ानों की तादाद में काफी ज़्यादा इज़ाफा हो सकता है। इंस्टीट्यूट फॉर नेशनल पॉलिसी रिसर्च के निदेशक कुओ यू-जेन (Kuo Yu-jen, director of the Institute for National Policy Research) ने को ब्लूमबर्ग से बात करते हुए कहा कि- “चीन अगले साल (2022) ताइवान के एडीआईजेड में और ज़्यादा सैन्य लड़ाकू विमानों को और ज़्यादा डराने वाले ऑप्रेशंस के साथ भेजेगा।”
कुओ ने जोर देकर कहा कि एडीआईजेड के हालातों पर बारीकी से नज़र रखने की जरूरत है क्योंकि ये एक “टर्निंग प्वाइंट” साबित होगा। पिछले साल के मध्य सितंबर के बाद से बीजिंग ने ताइवान के एडीआईजेड में नियमित तौर पर विमानों को भेजकर अपनी ग्रे-ज़ोन रणनीति (Gray-Zone strategy) को आगे बढ़ाया है, जिसके तहत विवादित द्वीप के दक्षिण-पश्चिम कोनों पर आमतौर पर एक से तीन धीमी गति से उड़ने वाले टर्बोप्रॉप विमानों (Turboprop Planes) को भेजा जाता रहा है।
बीजिंग ताइवान पर पूर्ण संप्रभुता का दावा करता है, मुख्य भूमि चीन से दक्षिण-पूर्वी तट पर ताइवान 24 मिलियन लोगों का फलता फूलता लोकतांत्रिक देश है। इस तथ्य के बावजूद कि दोनों पक्ष सात दशकों से ज़्यादा समय से अलग-अलग प्रणालियों से शासित हैं।
दूसरी ओर ताइपे ने अमेरिका समेत लोकतांत्रिक के साथ रणनीतिक संबंधों को बढ़ाकर चीनी आक्रामकता का मुकाबला किया है, जिसका बीजिंग द्वारा बार-बार विरोध किया गया है। चीन ने धमकी दी है कि “ताइवान की आजादी” का मतलब खुली जंग है।