नई दिल्ली (समरजीत अधिकारी): केंद्र सरकार की कानूनी गुज़ारिश के जवाब में आज ट्विटर (Twitter) बतायी गयी जानकारी के आधार पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 500 से ज्यादा अकाउंट्स को परमानेंट सस्पेंड कर दिया है। इस मामले पर ट्विटर की ओर से ज़वाब जारी कहा गया कि- अंजाम दी गयी ये कार्रवाई इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के आग्रह पर की गयी। इस कवायद को भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 ए के तहत किया गया। इसके अलावा पिछले 10 दिनों में ट्विटर ने अपने तयशुदा मानदंडों का उल्लंघन (Violation of default norms) करने वाले अकाउंट्स को भी संस्पेड किया। ट्विटर ने माना कि उन्हें मंत्रालय की ओर से कई अकाउंट्स को ब्लॉक करने के ऑर्डर जारी किये गये थे।
कंपनी ने अपने बयान में आगे कहा कि- भड़काऊ और उकसावापूर्ण कॉन्टेंट और हैशटैग की विजिबिलटी (Visibility of inflammatory and provocative content and hashtags) कम करने के लिए ये कड़े कदम उठाये जा रहे है। साथ ही इसमें उन्हें ट्विटर पर ट्रेंड कराने से रोक जाना भी शामिल है। हाल ही में भारत में हुई हिंसा को देखचे हुए हम अपने नियमों को लागू करने जा रहे है। जिससे कि भारतीय लोकतान्त्रिक मूल्य और सिद्धांतों की हिफाजत हो सके। इस मसले पर हम जल्द ही ओर अपडेट भी जारी करेगें। ट्विटर की ओर से आगे कहा गया कि भारत के लिए खासतौर से नीति तैयार की जायेगी। जिसमें उन ट्विटर खातों को पहचानकर ब्लॉक किया जायेगा, जो कि हिंसा और भड़काऊ प्रोपेगेंडा फैलाने की ऑनलाइन मुहिम चलाते है।
अकाउंट ब्लॉक करने के मुद्दे पर ट्विटर ने आगे कहा कि- कुछ ट्विटर अकाउंट भारत के बाहर से ऑपरेट होते है। उनके द्वारा किये गये ट्विट और कॉन्टेंट भारतीय कानून के अनुरूप है या नहीं इसका हमें पता नहीं चल पाता। ऐसे में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए हम उन पर मुक्म्मल कार्रवाई (Complete action) नहीं कर पाते है। आगे कंपनी ने साफ किया कि इस कार्रवाई में समाचार मीडिया संस्थाओं, पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और राजनेताओं के ट्विटर अकाउंट्स को शामिल नहीं किया गया है।
ट्विटर की ओर से ये बयान ऐसे वक़्त में सामने आया है, जब किसान आंदोलन में ग्रेटा थेनाबर्ग का टूलकिट’ विवाद उभरा। सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार ने बीते सोमवार को माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर पर किसान आंदोलन के बारे में गलत सूचना और भड़काऊ सामग्री फैलाने वाले 1,178 पाकिस्तानी-खालिस्तानी अकाउंट्स को संस्पेड करने का फरमान जारी किया था।