भोपाल (क्षे.सं.): ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने आखिरकर भाजपा में शामिल होकर कई दिन से चल रहे हैं पॉलिटिकल ड्रामे को विराम दे दिया है। बीते दिन भोपाल (Bhopal) की सड़कों पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने ज्योतिरादित्य के स्वागत में खुद को बिछा दिया। दूसरी ओर दिल्ली के 10 जनपथ में दिन भर बैठकों का दौर जारी रहा। शाम होते होते राहुल गांधी (Rahul Gandhi) मीडिया से मुखातिब हुए और कहा कि ज्योतिरादित्य का यह कदम दिखाता है कि वह अपने सियासी करियर को लेकर काफी घबराए हुए हैं। जो कद उन्हें कांग्रेस में मिला था, भाजपा में बामुश्किल से उन्हें वो इज्जत और सम्मान मिल पाएगा।
फिलहाल मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) भाजपा की ओर से सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया गया है। लेकिन खलबली का माहौल जोरों पर है। सूबे के मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamalnath) अपनी कुर्सी बचाने के लिए पूरी कोशिश करेंगे। कमलनाथ कांग्रेस के बेहतरीन रणनीतिकारों में से एक हैं। इसी के चलते उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
अब खबर सामने आ रही है कि, भोपाल के आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ एक मामले में जांच पड़ताल तेज कर दी है। गौरतलब है कि यह मामला पुराना है, लेकिन जांच के लिए इसकी फाइल को दोबारा खोला गया है। सिंधिया पर आरोप है कि उन्होंने एक ही जमीन को कई बार बेचा है। घोटाले का यह मामला तकरीबन दस हजार करोड़ का बताया जा रहा है। साल 2014 के दौरान इस मामले में जांच हो चुकी है।
फिलहाल कमलनाथ के पास मध्य प्रदेश की कमान है। ऐसे में वो अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाली उन सब ताकतों का इस्तेमाल करेंगे, जिससे सिंधिया पर चौतरफा दबाव बनाया जा सके। लेकिन जब भाजपा और सिंधिया खेमे के विधायक मिलकर राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। तब कमलनाथ बेबस हो सकते हैं। सरकार के अल्पमत में जाने के बाद कमलनाथ इस तरह की कवायदों को अंजाम नहीं दे पाएंगे। इसीलिए मध्य प्रदेश सरकार ने मौजूदा कदम उठाया है। देखना यह दिलचस्प रहेगा ज्योतिरादित्य सिंधिया पर यह जांच कार्रवाई कितना दबाव बनाएगी।