न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) का 82 साल की उम्र में बीते सोमवार (9 अक्टूबर 2022) को निधन हो गया। उनका पार्थिव शरीर कल उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) ले जाया गया और उनका अंतिम संस्कार आज होना है। सपा (SP) सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव का अंतिम संस्कार आज (10 अक्टूबर 2022) दोपहर 3 बजे उत्तर प्रदेश के सैफई गांव (Saifai Village) में होगा। आज अंतिम संस्कार में देश भर के कई राजनीतिक नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है।
मुलायम सिंह यादव को इटावा के चंबल इलाके को डकैतों से मुक्त कराने का श्रेय जाता है। उस समय सुल्ताना डाकू, मलखान सिंह, फूलन देवी, राम असर तिवारी, निर्भय गुर्जर, सलीम गुर्जर, राजन गुर्जर, जगजीवन परिहार, अरविंद गुर्जर, रामवीर गुर्जर, कुसमा नैन, मुन्नी पांडे, शीला इंदौरी और सरला जाटव (Sheela Indori and Sarla Jatav) जैसे डकैतों की तूती बोलती थी। इन सभी लोगों ने मिलकर उस समय आंतक मचा रखा था।
ये सभी डकैत इटावा, औरेय्या, भिंड और मुरैना (Bhind and Morena) में किडनैपिंग रैकेट चलाने के लिये जाने जाते थे। ये डकैत बड़े पैमाने पर इलाके के विकास कार्यों को रोके रखते थे। साल 2003 में चकरनगर निर्वाचन क्षेत्र का दौरा करते हुए मुलायम सिंह यादव ने इलाके के लोगों को आश्वासन दिया कि वो डकैतों के आतंक को खत्म करेंगे। उन्होंने तत्कालीन एएसपी अखिलेश मल्होत्रा (ASP Akhilesh Malhotra) को सक्रिय डकैतों के खिलाफ ऑपरेशन चलाने का आदेश दिया। बाद में उन्होंने एएसपी दलजीत सिंह चौधरी (ASP Daljit Singh Chowdhary) से इटावा (Etawah) में ऑपरेशन चलाने को कहा।
साल 2007 तक पुलिस ने इस इलाके के कई सबसे खूंखार डकैतों का सफाया कर दिया, जबकि कई अन्य डकैतों ने आत्मसमर्पण कर दिया। मुलायम सिंह यादव ने कई डकैतों को मुख्यधारा में शामिल होने का मौका भी दिया था। 1990 के दशक में फूलन देवी (Phoolan Devi) मुख्यधारा में शामिल हुईं और सांसद बनीं। साल 1999 में उन्होंने मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश यादव और डिंपल रावत (Akhilesh Yadav and Dimple Rawat) की शादी में शिरकत की।
यूपी के चंबल (Chambal) में डकैती खत्म करने के बाद उन्होंने इलाके में पुलों और सड़कों समेत कई ढांचागत परियोजनाओं को चालू किया।