न्यूज डेस्क (समरजीत अधिकारी): Muzaffarnagar Riots: उत्तर प्रदेश विधानसभा सचिवालय के मुताबिक सोमवार (7 नवंबर 2022) को जारी अधिसूचना में खतौली सीट को खाली घोषित कर दिया गया। 11 अक्टूबर को एमपी/एमएलए कोर्ट ने खतौली के विधायक विक्रम सैनी (Khatauli MLA Vikram Saini) को साल 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों में उनका हाथ पाये जाने के लिये दो साल जेल की सजा सुनायी। भाजपा विधायक विक्रम सैनी के दंगों के मामले में दोषी पाये जाने के करीब एक महीने बाद खतौली सीट खाली घोषित की गयी थी।
अधिसूचना के अनुसार खतौली विधानसभा सीट 11 अक्टूबर से खाली मानी जायेगी, जिस दिन मुजफ्फरनगर की सांसद/विधायक कोर्ट ने सैनी को इस दंगों के लिये दो साल जेल की सजा सुनायी थी। 10 दिनों से भी कम वक़्त में ये दूसरी बार है कि जब किसी विधायक को दोषी ठहराये जाने के बाद राज्य विधानसभा से बाहर किया गया है।
रामपुर के विधायक और सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान (Azam Khan) को अभद्र भाषा के मामले में तीन साल के बाद बरी होने पर कार्यकाल मिलने के दो दिन बाद ही उन्हें विधानसभा सचिवालय (Assembly Secretariat) की ओर से ऐसी ही कार्रवाई का सामना करना पड़ा था।
रालोद नेता जयंत चौधरी (RLD leader Jayant Choudhary) ने इस मुद्दे पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना (Assembly Speaker Satish Mahana) को खत लिखा और उनसे पूछा कि रामपुर के विधायक आजम खान को अदालत ने दोषी ठहराया था, लेकिन खतौली विधायक सैनी को जब दोषी करार दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया तब अपने इस तरह की कार्रवाई क्यों नहीं की? ये आपके इरादे पर बड़े सवाल उठाता है … क्या सत्ताधारी और विपक्षी दलों के विधायकों के लिये कानून अलग-अलग है?”