न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): गहराते राजनीतिक संकटों के बीच म्यांमार की सैन्य सरकार (Myanmar’s military government) ने मानव अधिकारों को बुरी तरह कुचलने का काम किया। जिसके तहत राजधानी नेपीहॉ समेत कई संवेदनशील इलाकों में इंटरनेट बंद करने के साथ-साथ सड़कों पर टैंकों की तैनाती कर दी गई। सैनिकों के हथियारबंद दस्ते लगातार नागरिक इलाकों में फ्लैग मार्च कर किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शन को कुचलने के लिए तैयार दिखाई दे रहे हैं। म्यांमार की नागरिक आबादी का एक बड़ा हिस्सा लगातार लोकतन्त्रिक शासन बहाल करने की मांग कर रहा है। जिसे देखते हुए ये कदम सैन्य सरकार की ओर से देर रात लगाए गए।
अंतर्राष्ट्रीय समाचार समूह अल जजीरा से मिली रिपोर्टों के मुताबिक सिटवे, यांगून और मायित्किना जैसे कई शहरों में सैन्य वाहन लगातार गश्त लगा रहे हैं। सैन्य सरकार की ओर से किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शन और नागरिक भीड़ इकट्ठी होने के हालातों पर काबू करने के लिए सख्ती बरतने के आदेश जारी किए गए हैं। हाल ही म्यांमार के उत्तरी प्रांत काचिन में पावर प्लांट (Power plant) के पास तैनात सैनिकों और नागरिक विद्रोहियों के बीच तीखी हिंसक झड़पें देखी गयी थी। आम लोगों का मानना था कि किसी बड़ी कार्रवाई के तहत सेना पावर सप्लाई काटने जा रही थी।
सैनिकों की तैनाती के बावजूद कई प्रमुख इलाकों में व्यापक प्रदर्शन लगातार हो रहे हैं। जिनमें आम नागरिकों के साथ कई मठों के बौद्ध भिक्षु भी शामिल है। हालातों को देखते हुए म्यांमार की अमेरिकन एंबेसी (American embassy) की सुरक्षा तैनाती कड़ी कर दी गयी। दूतावास की ओर से सभी अमेरिकी नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह जारी की गयी। दूतावास की ओर से जारी एडवायजरी में कहा गया कि सभी टेलीकॉम सर्विसेज देर रात एक बजे से से सुबह नौ बजे तक बाधित रहेंगी। 1 फरवरी को हुए तख्तापलट के बाद ये पहला मौका है। जब बख्तरबंद गाड़ियों की तैनाती नागरिक इलाकों में की गई।