न्यूज डेस्क (यर्थाथ गोस्वामी): Nag Panchami 2023: सातवें श्रावण सोमवार के मौके पर भगवान शिव और नाग वासुकी की पूजा करने के लिये आज (21 अगस्त 2023) बड़ी तादाद में श्रद्धालु उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के प्रयागराज (Prayagraj) में प्राचीन नाग वासुकी मंदिर में इकट्ठा हुए। आज सुबह प्रयागराज के नाग वासुकी मंदिर के बाहर भक्तों की लंबी कतारें देखी गयी। मंदिर के प्रवेश द्वार पर भगवान शिव और नाग वासुकी का आशीर्वाद लेने के लिये लोग सुबह से ही कतार में खड़े थे।
नाग वासुकी मंदिर (Nag Vasuki Temple) के मुख्य पुजारी श्याम धर ने इस मौके पर कहा कि, “सनातन धर्म में नाग पंचमी का बहुत महत्व है। आज से ही सभी पर्व और त्योहार शुरू हो जाएंगे।”
नाग पंचमी के दिन सनातन धर्म के अनुयायी नाग को देवता मानकर उनकी पूजा करते है। नागों के राजा नाग वासुकि का मंदिर प्रयागराज में गंगा तट पर है। इस मौके पर मंदिर के पुजारियों ने कहा कि, इस दिन भारी तादाद में लोग यहां प्रार्थना करने आते हैं और अपने परिवार के लिये मंगल कामना करते हैं।
सनातन धर्म में सांप को पर्यावरण से भी जोड़कर देखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि धान की फसल की सुरक्षा में कोबरा अहम भूमिका निभाता है, क्योंकि ये चूहों को मारता है। उन्होंने कहा इस दिन प्रकृति से समृद्ध चीजें नाग देवता को अर्पित की जाती हैं। इस बीच भक्तों ने अयोध्या (Ayodhya) के शेष अवतार लक्ष्मण मंदिर में ‘नाग देवता’ या नाग देवता की पूजा की।
इस दिन दूर-दूर से भक्त यहां आते हैं और भगवान लक्ष्मण को जल, दूध और कच्चे चने चढ़ाते हैं। नाग पंचमी का त्यौहार जो कि आज मनाया जा रहा है, वार्षिक त्यौहार है जहाँ हिंदू साँपों की पूजा करते हैं। इस त्यौहार को हिंदू धर्म की शुरूआत से ही मनाया जा रहा है। नाग देवता को दूध चढ़ाना इस त्यौहार के शुरूआती अनुष्ठानों में से एक है। नाग पंचमी से जुड़ी कई कहानियां हैं।
हिंदू पौराणिक कथाओं के मुताबिक, बचपन में जब भगवान कृष्ण यमुना नदी के किनारे खेल रहे थे तो उनकी गेंद एक पेड़ की डालियों में उलझ गयी और यमुना नदी (Yamuna River) में गिर गयी। गेंद लाने की कोशिश करते समय कालिया सांप ने उन पर हमला कर दिया।
भगवान कृष्ण (Lord krishna) ने वीरतापूर्वक युद्ध किया और साँप ने उनसे उसे न मारने की विनती की। ये अवसर सबसे जहरीले सांप कालिया के खतरे से मानवता को बचाने में कृष्ण की कामयाबी का जश्न मनाने के लिये मनाया जाता है। लोग नाग पंचमी पर जिन नाग देवताओं की पूजा करते हैं उनमें से कुछ हैं अनंत, शेष, वासुकी, कंबाला, कर्कोट, पद्मा और कालिया।
ऐसा माना जाता है कि नाग पंचमी पर सांपों को अर्पित की गयी कोई भी चीज नाग देवताओं तक पहुंच जाती है। इसलिये भक्त इस दिन नाग देवताओं के प्रतिनिधि के तौर पर सांपों की पूजा करते हैं।
नाग पंचमी के लिये पारंपरिक प्रसाद में खीर से लेकर मिठाई तक सब कुछ दूध से जुड़ा होता है, जिसे बाद में देवता को चढ़ाया जाता है।
इस दिन को मनाने के लिये कई लोग उपवास रखते हैं और गरीबों को खाना खिलाते हैं। कुछ श्रद्धालु घर पर मिट्टी से साँप की मूर्तियाँ भी बनाते हैं। मूर्तियों पर फूल और दूध चढ़ाया जाता है और उन्हें साँप के बिलों पास रखा जाता है। घरों को रंगोली से भी सजाया जाता है।