- प्रकृति हमारे लिए आराध्य है, प्रकृति हमारा आभूषण है। पर्यावरण को संरक्षित करते हुए कैसे विकास किया जा सकता है, इसका जीवंत उदाहरण अब केवड़िया में देखने को मिल रहा है।
- आज ही निर्माण और सृजन के देवता विश्वकर्मा जी की जयंती भी है। नए भारत के निर्माण के जिस संकल्प को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं, उसमें भगवान विश्वकर्मा जैसी सृजनशीलता और बड़े लक्ष्यों को प्राप्त करने की इच्छाशक्ति बहुत आवश्यक है।
Reached Kevadia a short while ago.Have a look at the majestic ‘Statue of Unity’, India’s tribute to the great Sardar Patel. pic.twitter.com/B8ciNFr4p7
— Narendra Modi (@narendramodi) September 17, 2019
- हमने पहली बार सरदार सरोवर बाँध को पूरा भरा हुआ देखा है। एक समय था जब 122 मीटर के लक्ष्य तक पहुंचना ही बड़ी बात थी। लेकिन आज 5 वर्ष के भीतर-भीतर 138 मीटर तक सरदार सरोवर का भर जाना, अद्भुत है, अविस्मरणीय है।
- टूरिज्म की बात जब आती है तो स्टेच्यू ऑफ यूनिटी की चर्चा स्वभाविक है। इसके कारण केवड़िया और गुजरात पूरे विश्व के टूरिज्म मैप पर प्रमुखता से आ गया है। अभी इसका लोकार्पण हुए सिर्फ 11 महीने ही हुए हैं, लेकिन अब तक 23 लाख से अधिक पर्यटक देश और दुनिया से यहां आ चुके हैं।
At Kevadia, the focus is to further improve the local environment and enhance tourist facilities.Here is PM @narendramodi highlighting the same… pic.twitter.com/WWIKHV2bEO
— PMO India (@PMOIndia) September 17, 2019
- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को 70 साल तक भेदभाव का सामना करना पड़ा है। इसका दुष्परिणाम, हिंसा और अलगाव के रूप में, अधूरी आशाओं और आकांक्षाओं के रूप में पूरे देश ने भुगता है। सरदार साहेब की प्रेरणा से एक महत्वपूर्ण फैसला देश ने लिया है। दशकों पुरानी समस्या के समाधान के लिए नए रास्ते पर चलने का निर्णय लिया गया है।
- गुजरात के किसानों, व्यापारियों और दूसरे नागरिकों के लिए पानी के माध्यम से ट्रांसपोर्ट की भी एक व्यापक व्यवस्था तैयार की जा रही है। घोघा-दहेज रो-रो फेरी सेवा की शुरुआत तो मैंने खुद की थी। मुझे बताया गया है कि अब तक इस फेरी सुविधा का सवा तीन लाख से ज्यादा यात्री उपयोग कर चुके हैं।
Tourists and nature lovers find the Cactus Garden unique!PM @narendramodi says we must keep taking people’s feedback to further improve the garden and make it more popular. pic.twitter.com/tm2BxrA4SI
— PMO India (@PMOIndia) September 17, 2019
- माइक्रो इरिगेशन का दायरा साल 2001 में सिर्फ 14 हज़ार हेक्टेयर था और सिर्फ 8 हज़ार किसान परिवारों को इसका लाभ मिल पा रहा था। आज 19 लाख हेक्टेयर जमीन माइक्रो इरीगेशन के दायरे में है और करीब 12 लाख किसान परिवारों को इसका लाभ मिल रहा है।
- IIM अहमदाबाद स्टडी से सामने आया कि माइक्रो इरिगेशन के कारण ही गुजरात में 50 प्रतिशत तक पानी की बचत हुई है, 25 प्रतिशत तक फर्टिलाइजर का उपयोग कम हुआ, 40 प्रतिशत तक लेबर कॉस्ट कम हुई और बिजली की बचत हुई सो अलग।
Vibrant culture of vibrant Gujarat!Do visit the Ekta Nursery next time you’re in Kevadia. pic.twitter.com/XySd58pZLb
— PMO India (@PMOIndia) September 17, 2019
- अब इसी प्रेरणा से हमें देश भर में हर घर जल के लक्ष्य को प्राप्त करना है। मैं गुजरात सरकार को, पहले आनंदीबेन की अगुवाई में और अब रुपाणी जी के नेतृत्व में, हर घर को, हर खेत को जल से जोड़ने के मिशन को आगे बढ़ाने के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
- सिंचाई की सुविधा मिलने से एक और लाभ गुजरात के किसानों को हुआ है। पहले किसान पारंपरिक फसलें ही उगाते थे। लेकिन सिंचाई की सुविधा मिलने के बाद नकदी फसलों की पैदावार शुरु हुई, हॉर्टीकल्चर की तरफ झुकाव बढ़ा। इस परिवर्तन से अनेक किसान परिवारों की आय बढ़ी है।
Prayers to Maa Narmada, for the peace and prosperity of our nation! pic.twitter.com/9cuHpUf2Rv— PMO India (@PMOIndia) September 17, 2019
- इस क्षेत्र को प्लास्टिक से बचाना है। सिंगल यूज़ प्लास्टिक से मुक्ति के लिए पूरा देश प्रयास कर रहा है। मुझे जानकारी है कि आप सभी स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत इस काम में जुटे हुए हैं। इसके लिए हमारी कोशिशें और तेज़ होनी चाहिए।