National Herald Scam: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस पार्टी के पहले परिवार यानी सोनिया गांधी और राहुल गांधी को पूछताछ के लिए तलब किया। इसके तहत राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से दो जून को जबकि सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से आठ जून को पूछताछ की जायेगी।
ये पुराना मामला है, जिसे नेशनल हेराल्ड स्कैम के नाम से जाना जाता है। इस मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों जमानत पर हैं। ऐसा पहली बार होगा जब सोनिया गांधी और राहुल गांधी को पूछताछ के लिये आम नागरिक की तरह ईडी कार्यालय जाना होगा।
ये भारत की राजनीति में एक नया मोड़ है, जिसमें मोदी सरकार कह रही है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर भी इस देश में वही नियम लागू होंगे, जो बाकी लोगों पर लागू होते हैं।
ये पूरा मामला मनी लॉन्ड्रिंग का है। जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) समेत कई कांग्रेसी नेताओं ने एसोसिएट जर्नल लिमिटेड (Associate Journal Ltd.) नाम से एक कंपनी बनायी, जिसने नेशनल हेराल्ड नाम से समाचार पत्र प्रकाशित किया था।
चूंकि कंपनी अखबार पब्लिश करती थी, इसलिये उसे कई शहरों में सरकारों से सस्ते दामों पर जमीन मिल जाती थी। अब आरोप है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने एक कंपनी बनाई जिसका मकसद कारोबार करना नहीं था। दरअसल वो इस कंपनी के जरिये एजेएल को खरीदना चाहते थे और इसकी 2 अरब रुपये की संपत्ति अपने नाम करना चाहते थे। साल 2011 में ऐसा ही हुआ था। उस समय सोनिया गांधी और राहुल गांधी की कंपनी यंग इंडिया लिमिटेड ने एजेएल का अधिग्रहण किया। इस तरह इसकी संपत्ति सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास चली गयी।
ये मामला भारतीय राजनीति में एक नया मोड़ साबित हो सकता है, जिससे बड़े बदलाव हो सकते हैं। सबसे पहले सम्मन गांधी परिवार को राजनीतिक रूप से अस्थिर कर देगा। दूसरा विपक्षी दलों, खासकर यूपीए (UPA) में राहुल गांधी और सोनिया गांधी की पकड़ ढ़ीली पड़ेगी। तीसरा क्योंकि ये भ्रष्टाचार का मामला है, इससे राहुल गांधी और सोनिया गांधी की सार्वजनिक छवि को भी चोट पहुंचेगी और भाजपा आगामी चुनाव अभियानों में इस मामले का भरपूर फायदा उठायेगी।
इंदिरा गांधी को 1971 के चुनावों में धांधली का दोषी पाया गया था। ये भ्रष्टाचार का मामला था जिसके कारण उन्होंने देश में आपातकाल भी लगा दिया था। संजय गांधी पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। उस समय इंदिरा गांधी की सरकार ने मारूति को कार बनाने का ठेका दिया था और उसमें भी भ्रष्टाचार हुआ। राजीव गांधी की सरकार में बोफोर्स घोटाला (Bofors scam) हुआ था। अब भ्रष्टाचार के मामलों में सोनिया गांधी और राहुल गांधी का भी नाम सामने आया है।