एंटरटेनमेंट डेस्क (निकुंजा राव): नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने उच्चतम न्यायालय में दस्तक देकर रिया चक्रवर्ती को जमानत देने के बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी। एक्ट्रेस पर नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (एनडीपीएस अधिनियम) के तहत मामला दर्ज है। माना जा रहा है कि 18 मार्च को मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे और न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना और जस्टिस वी. रामसुब्रमण्यन इस मामले की सुनवाई कर सकते है। महाराष्ट्र हाईकोर्ट ने पिछले साल अक्टूबर महीने में एक लाख रुपये के मुचलके पर रिया को जमानत दे दी थी।
रिया पर एनसीबी के शिकंजा उस वक़्त कसा जब वो सुशांत राजपूत की मौत के मामले में ड्रग्स एंगल में जुड़ी हुई पायी गयी। मामले में ड्रग्स एंगल जांच के सिलसिले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने 20 लोगों को गिरफ्त में लिया था। जिनमें से रिया चक्रवर्ती भी थी। इस दौरान ने रिया में करीब 28 दिन हवालात में गुज़रे। महाराष्ट्र हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान रिया के वकील ने दलील देकर कहा था कि, इस मामले की जांच एनसीबी के अधिकार क्षेत्र (Jurisdiction) से बाहर का मामला है। इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने 19 अगस्त जांच की कमान सीबीआई को सौंपने के निर्देश दिए गए थे।
सुनवाई के दौरान रिया के वकील ने दावा किया कि एनसीबी ने जो आरोप लगाये है, वो सभी जमानती धाराओं के तहत आते है। साथ ही उन्होनें दावा किया मामले में रिया के खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम की धारा 217 ए के तहत इल्ज़ाम साबित करने के कोई सबूत नहीं मिले है। रिया और उनके भाई शौविक चक्रवर्ती सहित तीन अन्य लोगों अब्देल बासित परिहार, सैमुअल मिरांडा और दीपेश सावंत पर ये इल्ज़ाम है कि इन लोगों ने दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत को इस्तेमाल करने के लिए ड्रग्स मुहैया करवायी। मुंबई में विशेष एनडीपीएस कोर्ट में रिया की जमानत याचिका खारिज (Bail plea dismissed) होने के बाद एक्ट्रेस बॉम्बे हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी।
रिया को पासपोर्ट जमा कराने और 10 दिनों के लिए लोकल पुलिस स्टेशन में हाज़िरी लगाने जैसी शर्तों के आधार पर जमानत मिल गयी थी। साथ ही रिया को निर्देश दिया गया कि एनसीबी को जानकारी दिये बगैर वो मुंबई छोड़कर बाहर नहीं जा सकती। इस मसले पर रिया के वकील ने मीडिया कहा कि, रिया की गिरफ्तारी और हिरासत पूरी तरह से गलत और बेबुनियादी है। सीबीआई, ईडी और एनसीबी तीन केंद्रीय एजेंसियों ने रिया के खिलाफ हाउंडिंग और विच हंट (Hounding and Witch Hunt) वाला रवैया अख़्तियार किया। ये कवायद खत्म होना चाहिए।