एंटरटेनमेंट डेस्क (यामिनी गजपति): पिछले कई सालों में स्ट्रागलिंग और एस्टेबलिस एक्टर्स-एक्ट्रैसिस ने बॉलीवुड में कास्टिंग काउच (Casting Couch) के बारे में बातें की। कई लोग अपनी दर्द बताने और फिल्म इंडस्ट्री में एक्ट्रैसिस को चेताने आगे आये। कभी कभी लगता है इसके चुंगल से कोई नहीं बच पाया है। सुरवीन चावला, कंगना रनौत, राधिका आप्टे और चित्रांगदा सिंह ने कास्टिंग काउच को लेकर काफी बेबाक बयान (Outspoken Statement) दिये साथ ही अपने एक्सपीरियंस को भी साझा किया।
हाल ही में अनुभवी अदाकारा नीना गुप्ता ने भी अनुभव शेयर किया कि शुरूआती दिनों में वो भी कास्टिंग काउच का शिकार बनी। एक इंटरव्यूह के दौरान उन्होनें इस मुद्दे को लेकर अपनी राय साझा की। उन्होनें बताया कि किस तरह फिल्म इंडस्ट्री में कास्टिंग काउच का शिकार होने से बचा जा सकता है। इससे निपटने के लिये स्ट्रगलिंग एक्ट्रैसिस (Struggling Actress) क्या कर सकती है।
कास्टिंग काउच एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री (Entertainment Industry) से खत्म हो गया है या नहीं, इस बारे में बात करते हुए नीना गुप्ता ने कहा कि (मज़ाकिया अंदाज़ में) कोई भी 60 साल की महिला को कास्टिंग काउच के लिए नहीं बुलायेगा। आज मैं उन हालातों में हूँ जब मैं खुलकर इस पर अपनी बात रख सकूं।
युवा अभिनेत्रियों (young actresses) को क्या करना चाहिए, इस बारे में सलाह देते हुए नीना ने कहा, कि "मुझे लगता है कि हर किसी का अलग सफर होता है। किसी और के रास्ते को अपनाना खुद में बड़ी गलती है। इसी तरह ये जरूरी नहीं है कि मेरे नक्शेकदम पर चलने की कोशिश करने वाला कोई शख़्स वही चीजें पाये जो मैनें हासिल की। कुछ चीजों को मैनें भुला दिया। सबकी अपनी अपनी समझ है। इंडस्ट्री में आने वाली युवा लड़कियों को सिर्फ कड़ी मेहनत करनी चाहिए और केवल अपने काम पर ध्यान देना चाहिये। ये दो काफी अहम चीजें हैं। अगर ये आपके पास हैं तो दूसरी सभी चीजें अपने आप ठीक हो जाती हैं।"
नीना गुप्ता ने इससे पहले अपनी आत्मकथा 'सच कहूं तो' में कुछ चौंकाने वाले खुलासे (Shocking Revelations) किये, जिसे लेकर वो मीडिया की सुर्खियों में छायी रही। दूसरी ओर काम के मोर्चे पर नीना गुप्ता की नई थ्रिलर, 'डायल 100', हाल ही में Zee5 पर रिलीज़ की गयी। इसमें राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता मनोज वाजपेयी भी हैं।