स्पोर्ट्स डेस्क (नरसिम्हन नायर): जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा (Javelin Thrower Neeraj Chopra) के लिये आगे क्या, जिनका नाम ओलंपिक में एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बनने के तौर पर दर्ज हो गया है? उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर भाला फेंकने के साथ ये उपलब्धि हासिल की। अब नीरज चोपड़ा का अगला लक्ष्य आने वाले हफ्तों में 90 मीटर के निशान को पार करना है। 23 वर्षीय नीरज का लक्ष्य बीते शनिवार को खेलों के रिकॉर्ड (90.57 मीटर) को तोड़ना था, लेकिन वो इसे हासिल नहीं कर सके।
स्वर्ण पदक विजेता ने कहा, “भाला फेंकना एक बेहद ही तकनीकी खेल (Technical Game) है और बहुत कुछ फॉर्म पर भी निर्भर करता है। कुछ भी हो सकता है। इसलिए मेरा अगला लक्ष्य 90 मीटर (अंक) को तोड़ना है। मैं इस साल सिर्फ ओलंपिक पर ध्यान केंद्रित (Concentrate) कर रहा था। अब जब मैंने स्वर्ण जीत लिया है तो मैं आगामी प्रतियोगिताओं के लिए आगे की योजना बनाऊंगा। भारत आने के बाद मैं फिर से अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिये वीज़ा के लिये अप्लाई करूंगा।
हाल ही में नीरज चोपड़ा ने बीते 13 जुलाई को गेट्सहेड डायमंड लीग (Gateshead Diamond League) से नामांकन वापस ले लिया था। इस मुद्दे पर उन्होंने कहा कि टोक्यो ओलंपिक के बाद वो एक दिवसीय जैवलिन थ्रो प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले सकते है। लुसाने में 26 अगस्त को, पेरिस लेग्स में 28 अगस्त को और 9 सितंबर को ज्यूरिख फाइनल में पुरुषों की जैवलिन थ्रो प्रतियोगिता होगी जिसमें नीरज हिस्सा ले सकते है।
ओलंपिक में नीरज चोपड़ा की जीत ने खेलों में ट्रैक और फील्ड (Track And Field) में पदक के लिए भारत के 100 साल के इंतजार का अंत कर दिया। ओलंपिक किसी भी एथलीट के लिए सबसे बड़ा मंच होता है लेकिन चोपड़ा ने कहा कि उन पर कोई दबाव नहीं था और अपना काम कर रहे हैं जैसा कि उन्होंने किसी अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में किया।