नई दिल्ली (गौरांग यदुवंशी): देश भर के कई रेजिडेंट डॉक्टरों ने NEET-PG काउंसलिंग (NEET-PG Counselling) में देरी के खिलाफ अपना विरोध जारी रखा और बुधवार से “सभी स्वास्थ्य सेवाओं” को वापस लेने की चेतावनी दी। फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) ने 29 दिसंबर को सुबह 8 बजे से “डॉक्टरों के खिलाफ दिल्ली पुलिस द्वारा की गयी कड़ी कार्रवाई के विरोध में देश भर में सभी स्वास्थ्य सेवाओं (Health Services) से पूरी तरह से वापसी का आह्वान किया।
बता दे कि प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के मार्च के दौरान पुलिस की “कड़ी कार्रवाई” के लिये दिल्ली पुलिस (Delhi Police) से माफी की भी मांग की है। दूसरी ओर डॉक्टरों और सरकार के बीच गतिरोध ने अस्पतालों में इलाज के लिये आने वाले मरीजों की परेशानी काफी बढ़ा दी है। डॉक्टरों के हड़ताल पर रहने से मरीजों को बिना इलाज के ही लौटना पड़ रहा है।
बीते सोमवार (27 दिसंबर 2021) को रेजिडेंट डॉक्टरों ने सुप्रीम कोर्ट के सामने विरोध मार्च निकाला लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोक दिया। चूंकि डॉक्टरों को अपना मार्च जारी रखने की मंजूरी नहीं दी गयी, इसलिये उन्होंने विरोध दर्ज करने के लिये सड़क पर ही अपना मेडिकल एप्रन (Medical Apron) सरेंडर कर दिया। डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि शीर्ष अदालत (Supreme Court) तक मार्च के दौरान उनकी पिटाई की गयी और उन्हें घसीटा गया।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि हंगामे के दौरान उनके सात कर्मी घायल हो गये। इसन दौरान दो बसें भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयी। फिलहाल डॉक्टर सफदरजंग अस्पताल (Safdarjung Hospital) के इमरजेंसी वार्ड के बाहर धरना दे रहे हैं। आंदोलन के कारण एम्बुलेंस सेवाओं समेत सभी आपातकालीन सेवायें कुछ वक़्त के लिये बाधित रहीं। चूंकि चल रहे विरोध प्रदर्शनों के कारण मेडिकल सर्विसेज बुरी तरह प्रभावित हुई हैं, रेजिडेंट डॉक्टरों (Resident Doctors) ने कहा कि मरीजों के दर्द से सबसे पहले वे प्रभावित हुए हैं।