न्यूज़ डेस्क (श्रेयसी श्रीधरा): भारत नेपाल के बीच लिम्पियाधरा, लिपुलेख और काला पानी विवाद संवेदनशील मोड़ पर पहुंच गया है। नेपाल की ओर से भारत-नेपाल सीमा (Indo-Nepal border) पर सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी गई। ताजा घटनाक्रम के दौरान सोनबरसा बॉर्डर (Sonbarsa border) के जानकी नगर गांव में नेपाल पुलिस की ओर से 5 भारतीय लोगों पर अंधाधुंध फायरिंग खोल दी गई। जिसमें एक भारतीय नागरिक की मौत हो चुकी है। इस दौरान 4 लोग घायल हुए, फिलहाल घायलों लोगों में दो की हालत नाजुक बनी हुई है। घटना के बाद से इलाके में दोनों देशों के सुरक्षा बलों के बीच तनाव के हालात बने हुए हैं। मामले की जानकारी मिलते ही स्थानीय जिला प्रशासन के लोग ग्राउंड ज़ीरो (Ground zero) की ओर रवाना हो गये।
इससे पहले भी नेपाली सुरक्षाबलों (Nepali security forces) ने भारतीय लोगों को कई बार निशाना बनाया है। मई महीने के दौरान मक्के की फसल काटने के लिए नेपाली सीमा में दाखिल हुए भारतीय किसानों पर भी हिंसात्मक कार्रवाई (Violent action) की गई थी। उस दौरान भारतीय पक्ष ने औपचारिक आपत्ति (Formal objection) नेपाली अधिकारियों के सामने दर्ज करवाई थी।
विदेश मामलों के जानकारों का मानना है कि, इस घटना के पीछे नेपाल द्वारा जारी किया गया नया नक्शा और बीजिंग (Beijing) का उकसावा (Provocation) है। जिसकी वजह से नेपाल ऐसी हरकतें कर रहा है। मौजूदा नए नक्शे में नेपाल ने 395 वर्ग किलोमीटर के भारतीय इलाके पर अपने दावेदारी जाहिर की है। भारत और नेपाल के द्विपक्षीय संबंध (Bilateral Relations) उस वक्त और भी नाजुक मोड़ पर पहुंच गए, जब नेपाली संसद (Nepali Parliament) ने नये नक्शे को आधिकारिक मंजूरी (Official approval) दी। मौजूदा गोलीबारी की घटना दोनों देशों के रिश्ते किस ओर ले जायेगी और इसका क्या हल निकलेगा, ये काफी कुछ दोनों देशों के कूटनीतिक संबंधों (Diplomatic relations) पर निर्भर करेगा। फिलहाल मामले पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय (International community) की नजर बनी हुई है।