नई दिल्ली (समरजीत अधिकारी): भारतीय सेना (Indian Army) ने पूरी घाटी में लगभग अलगाववादी दहशतगर्दों (Separatist terrorists) की कमर तोड़कर रख दी है। भारतीय सेना का Reconnaissance दस्ता जानकारियां जुटाकर आंतकवादियों को मारने में अहम भूमिका निभा रहा है। लश्कर-ए-तैय्बबा, हिज्बुल मुजाहिद्दीन, जैश-ए-मोहम्मद, ज़मात-उल-मुजाहिद्दीन और हरकत-उल-अंसार (Lashkar-e-Taiba, Hizbul Mujahideen, Jaish-e-Mohammed, Zamat-ul-Mujahideen and Harkat-ul-Ansar) के कई टॉप कंमाडर मारे जाने के बाद घाटी के आंतकी संगठन बुरी तरह बौखलाये हुए है। जैसे ही केन्द्र सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर के संघ शासित राज्य (Union Territories) घोषित किया गया, तो दहशतगर्द तंजीमों में खलबली मच गयी।
इस माहौल के बीच पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (Pakistani intelligence agency ISI) ने नई साज़िश को अन्ज़ाम दिया। जिसके तहत देश की शांति और स्थिर भंग करने के लिए एक नये आंतकी संगठन पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (People’s Anti Fascist Front) को शह देना शुरू कर दिया है। हाल ही में कुल में एक पुलिसकर्मी की हत्या का जिम्मा इस संगठन ने उठाया। जिसके लिए आंतकी संगठन की ओर से वीडियो भी जारी किया गया। जारी किये गये वीडियो देखकर लगता है कि, आंतकी अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल करते है। बीच में बैठे शख्स के पास स्टेयर एयूजी एसाल्ट राइफल (Steyr AUG Assault Rifle) है। 7.62 कैलिबर की ये राइफल ऑस्ट्रियन ऑर्मी (Austrian Army) का प्राइमरी वेपन है। अगल-बगल में खड़े दोनों आंतकियों के पास 5.56 कैलिबर की एम-4 कारबाइन राइफल (M-4 carbine rifle) है। जिसका ज़्यादातर इस्तेमाल अमेरिकी सैन्य बल और नाटो देश (US military force and NATO country) करते है। वीडियो में जिस ज़ुबानी लहज़े का इस्तेमाल दहशतगर्द ने किया, उससे साफ हो जाता है कि, आंतकी दक्षिणी कश्मीर के किसी हिस्से का बाशिंदा है।
43 सैकेंड के इस वीडियों में तीनों आंतकियों ने फेसमास्क पहन रखा है। आंतकी ने जम्मू-कश्मीर पुलिस कर्मी अब्दुल रशीद डार (Jammu and Kashmir Police Person Abdul Rashid Dar) की हत्या की जिम्मेदारी ली। अब्दुल रशीद डार 22 जुलाई को आतंकियों के चुंगल में फंसकर शहीद हो गया था। गौरतलब है कि इससे पहले घाटी में आंतकवादी समूह के कमांडर ज़्यादातर सोवियत दौर (Soviet era) की राइफल्स और हथियारों के साथ दिखाई देते थे। उभर रहा नया आंतकी संगठन सुरक्षा एजेन्सियों और भारतीय सेना के लिए बड़ी चुनौती है। आईएसआई ने घाटी का माहौल खराब करने और युवाओं को आकर्षित करने के लिए ऐसी हरकतों का प्रायोजित कर रही है।
संगठन अगर वीडियो में दिखाये गये हथियारों के तर्ज पर अपने पांव पसारता है तो, ये परेशानी का सबब हो सकता है। साथ ही इस आंतकी संगठन (Terrorist organization) के लोगों से ये भी साफ हो जाता है कि, PAFF आंतकी समूह होने के साथ-साथ अतिवादी तंजीम भी है। जिस तरह से स्वास्तिक के निशान (Swastika mark) वाले झंडे पर तीर चुभोया जा रहा है। उससे कई बातें खुलकर साफ हो जाती है। बड़ा सवाल ये भी कि, इन आंतकियों के पास नाटो देशों के हथियार कहां से आये?