न्यूज डेस्क (यामिनी गजपति): New Labour Code: नरेंद्र मोदी सरकार 1 अक्टूबर से पूरे देश में नये नियमों को लागू करने के लिये संसद में पारित चार श्रम संहिताओं में कुछ बदलाव ला सकती है।
सरकार ने कहा है कि औद्योगिक संबंध, मजदूरी, सामाजिक सुरक्षा और व्यावसायिक स्वास्थ्य सुरक्षा (OSH) और काम करने की स्थिति पर चार नए कोड 44 केंद्रीय श्रम कानूनों (Central Labor Laws) को युक्तिसंगत बनायेगें। रिपोर्ट्स के मुताबिक चारों कोड एक बार में ही लागू हो जायेगें।
नए नियमों के मौजूदा प्रावधानों के तहत कर्मचारियों के काम के घंटे नौ से बढ़कर 12 घंटे हो जाएंगे जबकि इन-हैंड वेतन में भी बदलाव देखने को मिलेगा। नयी वेतन संहिता (New Pay Code) के तहत भत्तों की अधिकतम सीमा 50 प्रतिशत कर दी गयी है, जिससे मासिक वेतन का आधा हिस्सा मूल वेतन के रूप में गिना जाएगा।
भविष्य निधि (पीएफ) योगदान की गणना मूल वेतन के प्रतिशत के रूप में की जाती है, जिसमें मूल वेतन और महंगाई भत्ता शामिल होता है। मूल वेतन में वृद्धि से पीएफ अंशदान (PF contribution) में वृद्धि होगी, जिससे श्रमिकों के लिये टेक-होम वेतन कम हो जायेगा। कई मामलों में नियोक्ताओं की पीएफ देनदारी (PF Liability) भी बढ़ जायेगी।
कई एम्पलॉयर पीएफ योगदान और आयकर खर्च को कम रखने के लिये मूल वेतन (Basic Salary) को कई भत्तों में विभाजित करते हैं। केंद्रीय श्रम सचिव अपूर्व चंद्रा ने 9 फरवरी को ऐलान किया था कि नया लेबर कोड कई संगठनों को अपने कर्मचारियों को पांच के बजाय चार वर्किंग डे में काम करने के लिये मंजूरी देगा। अगर कर्मचारी दिन में 12 घंटे काम कर रहे हैं।
केंद्र ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम (Employee's State Insurance Corporation) के जरिये श्रमिकों के लिए मुफ्त चिकित्सा जांच का प्रावधान भी प्रस्तावित किया है। नया औद्योगिक संबंध कोड 300 कर्मचारियों तक की फर्मों को सरकार की अनुमति के बिना छंटनी, बंद करने और ले-ऑफ के लिये जाने देगा। केंद्र सरकार ने दावा किया कि ये व्यवसाय करने में आसानी को बढ़ायेगा।