नई दिल्ली (शाश्वत अहीर): सीबीआई जांच की संभावना के बीच दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने शहर में खुदरा शराब बिक्री के लिये पुरानी नीति पर लौटने का फैसला किया। दिल्ली सरकार का ये कदम उपराज्यपाल (Lieutenant Governor) द्वारा लागू की गयी नयी शराब नीति (New Liquor Policy) की सीबीआई जांच की सिफारिश के बाद सामने आया। आबकारी नीति (Excise Policy) 2021-22 जिसे 31 मार्च के बाद दो बार दो-दो महीने की अवधि के लिये बढ़ाया गया था, ये नीति 31 जुलाई को खत्म हो जायेगी।
आबकारी विभाग अभी भी आबकारी नीति 2022-23 पर काम कर रहा है, जो अन्य बातों के अलावा दिल्ली में शराब की होम डिलीवरी की सिफारिश करता है। अधिकारियों ने कहा कि इस मसौदा नीति को उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना (Lieutenant Governor V.K. Saxsena) को उनकी मंजूरी के लिये भेजा जाना बाकी है।
उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Deputy Chief Minister Manish Sisodia) जिनके पास उत्पाद शुल्क विभाग (Excise Department) भी है, ने बीते गुरूवार (29 जुलाई 2022) को विभाग को नयी नीति आने तक छह महीने की अवधि के लिये आबकारी नीति की पुरानी व्यवस्था को “वापस” लागू करने का निर्देश दिया।
आधिकारिक दस्तावेज़ों के मुताबिक वित्त विभाग ने आबकारी आयुक्त को 17 नवंबर, 2021 से नई आबकारी नीति लागू होने से पहले दिल्ली सरकार के चार निगमों के प्रमुखों के साथ उनके द्वारा संचालित शराब की दुकानों की डिटेल के लिये कोर्डिनेशन करने का निर्देश दिया है।
इन चार निगमों में शामिल है – दिल्ली राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम (DSIIDC), दिल्ली पर्यटन और परिवहन विकास निगम (DTTDC), दिल्ली उपभोक्ता सहकारी थोक स्टोर (DCCWS) और दिल्ली राज्य नागरिक आपूर्ति निगम (DSCSC) ये ही चारों निगम ज़्यादातर शराब की दुकान चला रहे थे। आबकारी नीति 2021-22 से पहले दिल्ली में दुकानों पर दिल्ली सरकार द्वारा शराब की खुदरा बिक्री (Retail Sale of Liquor) बंद कर दी गयी थी।
नई नीति के तहत निजी फर्मों को खुली बोली के जरिये 849 शराब ठेकों के लाइसेंस जारी किये गये। इसके तहत शहर को 32 इलाकों में बांटा गया, जिनमें से प्रत्येक में ज़्यादातर 27 विक्रेता थे। व्यक्तिगत लाइसेंस के बजाय बोली क्षेत्र-वार तरीके से की गयी थी और हरेक बोलीदाता को ज़्यादा से ज़्यादा दो इलाकों के लिये बोली लगाने की मंजूरी दी गयी थी।
इससे पहले चारों सरकारी निगम दिल्ली में कुल 864 में से 475 शराब की दुकान चलाते थे। निजी स्टोर और लोगों के पास 389 शराब की दुकान चलाने के लाइसेंस थे।
वित्त विभाग ने आबकारी विभाग को तैनात कर्मचारियों की संख्या, किराये या सरकारी परिसर समेत पुरानी दुकानों का विवरण मांगा और उन्हें “सर्वोच्च प्राथमिकता” देने के लिये कहा। दिल्ली के उपराज्यपाल ने इस महीने की शुरुआत में आबकारी नीति को लागू करने में नियमों के कथित उल्लंघन और खामियों की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। उन्होंने दिल्ली के मुख्य सचिव को कथित अनियमितताओं में आबकारी विभाग के अधिकारियों की भूमिका की जांच के साथ-साथ बोली के जरिये खुदरा शराब लाइसेंस जारी करने में कार्टेलाइजेशन की शिकायत का भी निर्देश दिया।