जारी हुआ Rajya Sabha का नया फरमान, संसद परिसर में सांसद नहीं कर सकेगें धरना-प्रदर्शन

न्यूज डेस्क (प्रियंवदा गोप): 18 जुलाई से शुरू होने वाले मानसून सत्र से पहले राज्यसभा सचिवालय (Rajya Sabha Secretariat) के एक नये सर्कुलर में कहा गया है कि संसद भवन (Parliament House) के परिसर में अब प्रदर्शन, धरना, उपवास या धार्मिक समारोह नहीं किये जा सकते। धरने पर सर्कुलर संसद में कुछ शब्दों का इस्तेमाल करने पर विपक्ष की नाराजगी के बीच आया है और विपक्षी कांग्रेस (Congress) ने इसकी आलोचना की है।

18 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र से पहले राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी (PC Modi, Secretary General of Rajya Sabha) ने नया बुलेटिन जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि सदस्यों का इस तरह का सहयोग अपेक्षित है। बुलेटिन में कहा गया है, “सदस्य किसी भी प्रदर्शन, धरना, हड़ताल, उपवास या किसी धार्मिक समारोह के लिए संसद भवन के परिसर का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं।”

कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक जयराम रमेश (JaiRam Ramesh) ने सरकार पर हमला करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया। 14 जुलाई को जारी सर्कुलर की कॉपी शेयर करते हुए उन्होनें इस फैसले पर केन्द्र सरकार का माखौल उड़ाया। हालांकि राकांपा सुप्रीमो शरद पवार (NCP supremo Sharad Pawar) ने कहा कि उन्हें स्पीकर का एक बयान मिला है जिसमें कहा गया है कि इस तरह की कोई पाबंदी नहीं है। उन्होंने कहा कि, “सभी राजनीतिक दलों के नेता कल दिल्ली में एक साथ बैठेंगे और मसले चर्चा करेंगे।”

बता दे कि विपक्षी सदस्य अतीत में कई बार संसद परिसर के अंदर प्रदर्शन कर चुके हैं और परिसर के अंदर महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास कई बार विपक्षी एकता के बीच विरोध-प्रदर्शन और अनशन का दौर देखा गया है।

सदन में कुछ शर्तों के इस्तेमाल पर सर्कुलर की विपक्ष ने आलोचना की है, जिसमें जोर देकर कहा गया है कि भाजपा जिस तरह से भारत को बर्बाद कर रही है, उसका जिक्र करने के लिये उनके द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली हर अभिव्यक्ति को अब असंसदीय घोषित कर दिया गया है।

हालांकि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) ने गुरूवार (14 जुलाई 2022) को साफ कर दिया कि संसद में किसी भी शब्द के इस्तेमाल पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है, लेकिन प्रासंगिक आधार पर इसे हटा दिया जायेगा। उन्होंने कहा था कि सदस्य सदन की मर्यादा बनाये रखते हुए अपने विचार व्यक्त करने के लिये स्वतंत्र हैं।

लोकसभा सचिवालय (Lok Sabha Secretariat) की नयी पुस्तिका में बीते बुधवार (13 जुलाई 2022) को कहा गया कि ‘जुमलाजीवी’, ‘बाल बुद्धि’, ‘कोविड स्प्रेडर’, ‘स्नूपगेट’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल और यहां तक कि ‘शर्मिंदा’, ‘दुर्व्यवहार’, ‘विश्वासघात’ ‘भ्रष्ट’, ‘नाटक’, ‘पाखंड’ और ‘नाकारा’ जैसे शब्दों का भी इस्तेमाल किया जाता है। अब से लोकसभा और राज्यसभा दोनों में ये चुनिंदा शब्द असंसदीय माने जायेगें।

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