न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): बजट 2021 में प्रस्तावित की गयी नये टैक्स नियम (New tax rules) आज से लागू होगें। इन बदलावों का ऐलान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया था। आज से नया वित्तीय वर्ष आज (1 अप्रैल) से शुरू हो रहा है। जिसके साथ टैक्स से जुड़े ये नये नियम भी लागू होगें। इन नियमों का सीधा असर मध्यमवर्गीय सैलरी क्लास पर पड़ेगा। जिससे रोजमर्रा की बचतों और निवेश में बददलाव आ सकता है। पढ़िये और जानिये बदले नये टैक्स नियमों के बारे में।
75 वर्ष से ऊपर के वरिष्ठ नागरिकों को आईटीआर दाखिल करने में छूट
वित्त निर्मला सीतारमण ने बजट सत्र के दौरान ऐलान किया था कि- 75 वर्ष से ज़्यादा आयु के वरिष्ठ नागरिक जिनकी आय का स्रोत केवल पेंशन और ब्याज है, उन्हें आयकर रिटर्न भरने से छूट दी जाएगी। इन वरिष्ठ नागरिकों को कुछ शर्तों को पूरा करने पर ITR दाखिल करने से छूट दी जायेगी। अगर ब्याज आय उसी बैंक से अर्जित की जाती है, जहां पेंशन जमा की जाती है तो वरिष्ठ नागरिक को आईटीआर दाखिल करने से छूट दी जाएगी। इस नियम को आज से लागू कर दिया जायेगा। इससे बुर्जग करदाताओं को सीधी राहत मिलेगी।
LTC योजना
साल 2020 में केंद्र सरकार ने COVID-19 के प्रकोप के कारण अवकाश यात्रा रियायत (LTC) योजना में छूट देने का ऐलान किया था। इस छूट में केंद्र सरकार के कर्मचारियों को यात्रा खर्चों के बजाय 12 प्रतिशत या ज़्यादा की जीएसटी दर वाली चीज़े खरीददने का आर्कषक प्रस्ताव दिया था। 12 अक्टूबर, 2020 से 31 मार्च 2021 के बीच खरीदी गयी चीज़ों पर आयकर छूट का दावा माना जायेगा।
टीडीएस
ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक फायदा पहुँचाने के लिए वित्त मंत्री ने बजट प्रस्ताव 2021 में उच्च टीडीएस (स्रोत पर कर की कटौती) और टीसीएस (स्रोत पर एकत्र कर) की दरों को निर्धारित किया। इसके तहत आम लोग आयकर रिटर्न समय इसका लाभ ले पायेगें। केन्द्र सरकार ने बजट में उच्च टीडीएस के लिए नये सेक्शन 206AB और टीसीएस की कटौती के लिए 206 CCA को प्रस्तावित किया। जिसे आज से लागू कर दिया जायेगा।
प्री-फिल्ड आईटीआर फॉर्म
आयकर रिटर्न को आसान बनाने के लिए करदाताओं से जुड़ी जानकारियां जैसे व्यक्तिगत करदाताओं के वेतन आय, कर भुगतान, टीडीएस से जुड़ी जानकारियां आईटीआर फॉर्म में पहले से ही भरी होगी। लिस्टेड सिक्योरिटी से पूंजीगत लाभ, लाभांश आय, बैंकों और डाकघर के ब्याज से होने वाली आमदनी से जुड़ी जानकारियां भी इसमें पहले से दर्ज रहेगी।
आम लोगों के लिये पुराना टैक्स सिस्टम या नयी कराधान प्रणाली का विकल्प
पिछले साल केंद्र ने नई कर व्यवस्था लागू की थी। वित्त वर्ष 2020-2021 के लिए इनमें से किसी एक को चुनने की कवायद आज से (1 अप्रैल 2021) से शुरू होगी। करदाताओं को कर-बचत कटौती करने के लिए 31 मार्च, 2021 तक का समय दिया गया था। हालांकि वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अपने आयकर रिटर्न दाखिल करते समय करदाता किसी एक ऑप्शन को चुन सकते है। जो कि वो खुद के लिए फायदेमंद मानते हो।
पीएफ कर नियम
बजट 2021 में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया था कि पीएफ में हर साल 2.5 लाख रुपये तक के निवेश मिलने वाला ब्याज इंकम टैक्स फ्री होगा, लेकिन 2.5 लाख रुपये से ज़्यादा के निवेश पर अर्जित ब्याज पर टैक्स लगाया जायेगा। सरकार ने ये कदम उन लोगों पर नकेल कसने के लिए लगाया। जो कि अपना ज़्यादा से ज़्यादा पैसा पीएफ खातों में लगाकर ज़्यादा ब्याज़ कमाते है। मौटेतौर पर पीएफ को आम लोगों के रिटायरमेंट प्लान के तहत देखा जाता है। सरकार ने पीएफ पर ब्याज में छूट की सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है। पहले ये सीमा 2.5 लाख रुपये थी। हालांकि यह सिर्फ उन कर्मचारियों के लिए है, जहां नियोक्ता (एम्पॉयलर) की ओर से कोई योगदान (अंशदान) नहीं किया जाता है।