न्यूज डेस्क (समरजीत अधिकारी): दुनिया भर में कोरोना का प्रकोप धीरे धीरे कम हो रहा है। हाल में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ‘लैम्ब्डा’ (Lambda) नाम के कोरोना वायरस के नये वेरियंट के बारे में बताया है। जिसे ‘वेरिएंट ऑफ़ इंटरेस्ट’ (VOI) नाम दिया गया है। डब्ल्यूएचओ ने अपने साप्ताहिक बुलेटिन में बताया कि, लैम्ब्डा कई देशों में कम्युनिटी स्प्रेड फैलने की वास्तविक दरों से जुड़ा हुआ है। जिसके कारण वक़्त के साथ इस वेरियंट का फैलाव भी बढ़ा।
बुलेटिन में आगे बताया गया कि लैम्ब्डा को शुरूआती दौर में साल 2020 के अगस्त महीने के दौरान पेरू में पाया गया था और तब से दुनिया भर के 29 देशों में इसकी मौजूदगी के खब़रे सामने आयी। जिनमें अर्जेंटीना और चिली सहित कई लैटिन अमेरिकी मुल्क शामिल है। लैम्ब्डा में संदिग्ध फेनोटाइपिक प्रभावों (Suspected Phenotypic Effects) के साथ कई म्यूटेशन होते है। जो कि संभावित तौर पर ट्रांसमिसिबिलिटी या एंटीबॉडी को निष्क्रिय करने के लिये जैविक प्रतिरोध तैयार कर लेता है।
14 जून 2021 को पैंगो कुनबे के C.37, GISAID क्लैड GR/452Q.V1, NextStrain क्लैड 20D वाले वेरियंट को वैश्विक तौर पर 'वेरिएंट ऑफ़ इंटरेस्ट' (VOI) का दर्जा दिया गया। WHO ने बतौर लैम्ब्डा इसकी लेबलिंग की।
Lambda वेरियंट और दक्षिणी अमेरिकी मुल्क
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक लैम्ब्डा वेरियंट की एक उन्नत किस्म खासतौर से चिली जैसे दक्षिण अमेरिकी मुल्क में देखी गयी। (इस स्थान पर पहली बार पाये जाने के बाद से सामने आये सिक्वेंस के कारण 7 से 31 फीसदी के बीच प्रसार दर देखी गयी), पेरू (9 प्रतिशत), इक्वाडोर ( 8 प्रतिशत), और अर्जेंटीना (3 प्रतिशत)
पेरू में अप्रैल 2021 के बाद से कोरोनो वायरस के 81 फीसदी मामले लैम्ब्डा से जुड़े थे। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि अर्जेंटीना में फरवरी 2021 के दूसरे हफ़्ते से लैम्ब्डा के प्रसार में तेजी दर्ज की गयी। 2 अप्रैल से 19 मई के बीच इस संस्करण ने कोरोना में मामलों में करीब 37 प्रतिशत उछाल ला दिया।
Lambda वेरियंट को लेकर डब्ल्यूएचओ की सलाह
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी सलाह में कहा कि, उम्मीद है कि वायरस लगातार अपने आप को बदलकर खुद और ज़्यादा विकसित कर रहा। जितना अधिक SARS-CoV-2 फैलेगा तो इसे विकसित होने और ज़्यादा मौके मिलेंगे। कारगर रोग नियंत्रण विधियों के जरिये हमें कोरोना महामारी के फैलाव पर नकेल कसनी होगी।
जिसके लिये खास रणनीतिक तैयारी और क्विक रिस्पांस स्कीम तैयार करना जरूरी होगा। जानवरों की आबादी में इसे फैलने से रोकेगा होगा। इसके म्यूटेशन को रोकेने के लिये और कम करने के लिये वैश्विक रणनीति (Global Strategy) के मौलिक और महत्वपूर्ण पहलुओं पर काम करना जरूरी है वरना लोगों की सेहत पर इसका गलत असर पड़ेगा।