न्यूज डेस्क (श्री हर्षिणी सिंधू): राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने निजामाबाद आतंकी साजिश मामले में शामिल होने के आरोप में कर्नाटक में फर्जी पहचान बनाकर रहने वाले पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के मास्टर हथियार ट्रेनर को गिरफ्तार किया। एजेंसी ने आज (14 जून 2023) इस जानकारी का खुलासा मीडिया के सामने किया। 33 वर्षीय आरोपी की शिनाख़्त नांदयाल (Nandyal) निवासी नौसाम मोहम्मद यूनुस उर्फ यूनुस (Nausam Mohammad Yunus alias Yunus) के तौर पर हुई है, जो कि अपने बड़े भाई के साथ इन्वर्टर का कारोबार करता था और नौसाम को मंगलवार (13 जून 2023) एनआईए ने हिरासत में ले लिया।
बता दे कि ये मामला प्रतिबंधित संगठन पीएफआई के नेताओं और कैडरों की ओर से रची गयी आपराधिक साजिश से सीधे जुड़ा हुआ है, जो कि भारत में इस्लामी शासन कायम करने के अपने आखिरी मकसद से आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये मुस्लिम युवाओं की भर्ती और उन्हें कट्टरपंथी बनाते हुए हथियार चलाने की ट्रेनिंग दे रहे थे।
सितंबर 2022 में जब यूनुस के घर की तलाशी ली गयी तो वो अपनी पत्नी और दो नाबालिग बेटों के साथ फरार पाया गया।एनआईए की जांच से पता चला है कि यूनुस ने अपने पूरे परिवार को आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) से कहीं ओर भेज दिया था, साथ ही वो कर्नाटक (Karnataka) के बेल्लारी जिले (Bellary District) के काउल बाजार इलाके में छिपा हुआ था, जहां उसने अपनी नयी पहचान कायम करते हुए खुद को बशीर बताया और प्लंबर के पेशा इलाके में करने लगा।
मामले को लेकर एनआईए ने कहा कि, “यूनुस मास्टर वेपन ट्रेनर था, वो आंध्र प्रदेश और तेलंगाना (Telangana) कई इलाकों पीएफआई की ओर से भर्ती किये गये मुस्लिम युवाओं को हथियारों चलाने की ट्रेनिंग दे रहा था। वो निजामाबाद (Nizamabad) पीएफआई मामले में इन दोनों राज्यों के लिये ट्रेनिंग कोर्डिनेटर का भी काम कर रहा था।”
एनआईए की पूछताछ के दौरान गोलमोल जवाब देने वाले यूनुस ने शेख इलियास अहमद (sheikh ilyas ahmed) का नाम भी लिया है, जो कि पीएफआई के वेपन ट्रेनिंग प्रोग्राम में भी शामिल था। इलियास फिलहाल फरार है। नौसाम मोहम्मद यूनुस उर्फ यूनुस की गिरफ्तारी के साथ एनआईए ने एक बार फिर समुदायों के बीच सांप्रदायिक खाई पैदा करने, साथ ही देश में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने, उसे बाधित करने के लिये निर्दोष मुस्लिम युवाओं का इस्तेमाल करने की पीएफआई की कट्टरपंथी नापाक साज़िश का पर्दाफाश किया है।
तेलंगाना पुलिस (Telangana Police) ने शुरू में पिछले साल 4 जुलाई को मामले में एफआईआर दर्ज की थी। एनआईए ने मामले को अपने हाथ में ले लिया और इसे फिर से दर्ज किया। एनआईए ने इस मामले में अब तक 16 आरोपियों के खिलाफ दो चार्जशीट दायर की हैं।