न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आज (29 दिसंबर 2022) केरल में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कई नेताओं के घरों की तलाशी ली। आज सुबह तड़के राज्य भर में कुल 56 ठिकानों पर एनआईए ने दबिश देकर तलाशी ली। इस दौरान केरल के कई जिलें जांच एजेंसी के रडार पर रहे। तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, पठानमथिट्टा, एर्नाकुलम, अलाप्पुझा और मलप्पुझा (Alappuzha and Malappuzha) में एनआईए ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया। एर्नाकुलम में कम से कम आठ ठिकानों पर, अलप्पुझा और मलप्पुरम में चार और तिरुवनंतपुरम (Thiruvananthapuram) में तीन ठिकानों एजेंसी ने छापे मारे।
अलाप्पुझा में चिंटूर, वंदनम, वेयापुरम और ओचिरा (Veyyapuram and Ochira) साथ ही एर्नाकुलम जिले में एडावनाड, अलुवा और वाईपिन इलाकों में छानबीन की गयी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने हाल ही में केरल की एक अदालत को एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें कहा गया है कि पीएफआई के सीनियर मेम्बर विभिन्न चैनलों के जरिये अल कायदा (Al Qaeda) के संपर्क में थे। जांच समूह ने ये भी आरोप लगाया कि सदस्य एक गुप्त शाखा भी चला रहे थे, इस खुफिया जमात का खुलासा जल्द ही आम होने वाला था।
पिछले अभियानों के दौरान NIA कुछ गैजेट बरामद किये थे। उन उपकरणों की एजेंसी की जांच में एक अहम निष्कर्ष ये निकला कि पीएफआई के वरिष्ठ सदस्य अल कायदा के सदस्यों के साथ संपर्क में थे। इसके साथ ही गुपचुप तरीके से आंतकी शाखा को भी चला रहे थे।
सख्त आतंकवाद विरोधी कानून गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत केंद्र सरकार ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया। पीएफआई पर आईएस जैसे अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों से जुड़े होने का दोषी पाया गया। पीएफआई पर सांप्रदायिक नफरत फैलाने का आरोप लगाया गया था।