न्यूज डेस्क (देवांगना प्रजापति): Bhopal Terror Funding Case: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आज (27 मई 2023) मध्य प्रदेश के जबलपुर में आतंकी साजिश मामले की जांच के तहत 13 जगहों पर छापेमारी की। ये मामला प्रतिबंधित संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB- Jamaat-ul-Mujahideen Bangladesh) के भोपाल टेरर फंडिंग मामले से जुड़ा है। घटनाक्रम से जुड़े एक सूत्र ने खुलासा कि खास इनपुट की बुनियाद पर आतंकी साजिश में शामिल संदिग्धों के ठिकानों पर अभी भी छापेमारी जारी है।
एनआईए की कई टीमों ने मध्य प्रदेश पुलिस (Madhya Pradesh Police) के साथ मिलकर आज तड़के छापेमारी शुरू की। हाल ही में इसी किस्म की छापेमारी 25 मई को उत्तर प्रदेश में जेएमबी से जुड़े भोपाल टेरर फंडिंग मामले में दो जगहों पर तलाशी लेने के दो दिन बाद की गयी थी।
इसके बाद छापे का मकसद एनआईए कोर्ट में चल रहे भोपाल टेरर फडिंग मामले में पहले से ही गिरफ्तार किये गये और चार्जशीट किये गये 10 आरोपियों के और लिंक और साजिशों का पर्दाफाश करना था। गिरफ्तार आरोपियों में से छह बांग्लादेशी नागरिक और सक्रिय जेएमबी कैडर हैं। इन सभी बिना किसी वैध दस्तावेज के अवैध तरीके से भारत में घुसपैठ की थी, और भारत में अपने हमदर्दों की मदद से झूठे और जाली भारतीय पहचान पत्र हासिल किये थे।
कई संदिग्धों के ठिकानों पर बुधवार (24 मई 2023) को हुई तलाशी में कई डिजिटल डिवाइस (मोबाइल फोन), सिम कार्ड, बैंक पासबुक और पहचान पत्र जब्त किये गये थे। फिलहाल जिन दस्तावेजों की जांच की जा रही है, वो अभियुक्तों की ओर से पैसों के ट्रांसफर से जुड़े संदिग्ध लेनदेन वाले कागजात हैं।
एनआईए की जांच से पता चला है कि गिरफ्तार किये गये सभी 10 आरोपी भारतीय मुस्लिम युवाओं पर अपना असर डालने, कट्टरपंथी बनाने और देश में शासन की लोकतांत्रिक प्रणाली के खिलाफ हिंसक जिहाद करने के लिये प्रेरित करने में शामिल थे।
मामले पर एनआईए ने कहा कि, “पकड़े गये अभियुक्त जेहादी साहित्य, भड़काऊ वीडियो और बयानों को प्रसारित कर रहे थे। ये लोग जेएमबी, अल-कायदा और तालिबान (Al-Qaeda and Taliban) समेत कई प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के आतंकवादी कारनामों का समर्थन और महिमामंडन कर रहे थे।”
एनआईए ने दावा किया कि पकड़े गये अभियुक्त भारत में जेहाद्दी गतिविधि फैलाने के लिये माहौल तैयार कर रहे थे ताकि भारत में शरीयत-आधारित इस्लामी शासन स्थापित किया जा सके। इस मकसद को हासिल करने के लिये ये लोग आतंकवादी संगठनों के साथ गठबंधन करने की साजिश रच रहे थे। अपनी नापाक हरकतों को अंजाम देने के लिये ये लोग पूरे भारत में अपने आंतकी नेटवर्क (Terrorist Network) को फैलाना चाहते थे। इन्होनें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल और असम (West Bengal and Assam) समेत कई राज्यों में अपनी अच्छी खासी पैठ बना ली थी।
एजेंसी ने पिछले साल 5 अप्रैल को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और 1946 के विदेशी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत ये मामला दर्ज किया था।
बता दे कि पिछले साल 14 मार्च को मध्य प्रदेश पुलिस के विशेष कार्य ने भोपाल के एक घर में दबिश दी, जहां पर किराये पर रह रहे जेएमबी के छह एक्टिव कैडरों को धरदबोचा गया। पुलिस ने मौके से जिहादी साहित्य, डिजिटल उपकरण, एक प्रिंटर, कागज काटने की मशीन, किताब की जिल्दसाजी करने का सामान जैसी चीज़ों जखीरा भी जब्त किया।
मामले के असर और राष्ट्रीय सुरक्षा को देखते हुए, एनआईए ने बाद में जांच को अपने हाथ में ले लिया, जिसके बाद इसी मामले में चार और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।