नई दिल्ली (श्री हर्षिणी सिंधू): कोरोनाकाल के दौरान कई मासूम बच्चों के सिर से माँ-बाप का साया उठ गया। महामारी के बेरहम चपेट में कई बच्चों का बचपन गम में डूबा, कुछ ऐसे ही बच्चों के बीच खुशियां और उम्मीदों की रौशनी बांटने का काम गैर सरकारी संगठन निर्मल तारा फांउडेशन (Nirmal Tara Foundation) ने किया। तस्वीरों में इन बच्चों की आंखों में चमक और चेहरे की खुशियां देख कर समझा जा सकता है कि मासूमियत की चमक क्या होती है।
निर्मल तारा फाउंडेशन (एनटीएफ) ने हाल ही में कुछ ऐसे बच्चों की बर्थडे पार्टी का कार्यक्रम किया जो कि अपने माता पिता को खो चुके थे। एनटीएफ ने इस मुहिम की शुरूआत करीब साल भर पहले की थी। इस कवायद के तहत अनाथालयों में रह रहे बच्चों के बीच खुशियां बांटने के मकसद से कई काम किये गये। जिनमें एनटीएफ के कई स्वयंसेवी (NTF Volunteers) हिस्सा ले चुके है।
कार्यक्रमों के इस सिलसिले में अनाथालय (Orphanage) में जाकर बच्चों के साथ उनका बर्थडे सेलिब्रेट (Birthday Celebrate) किया जाता है। अपनों की कमी महसूस ना हो इसलिये ऐसे बच्चों के साथ डांस, मस्ती, गेम्स, गाना बजाना और मौज मस्ती वाली एक्टिविटी करवायी जाती है। एनटीएफ के मेम्बर पार्टी करने के साथ साथ बच्चों को गिफ्ट और जरूरी सामान मुहैया करवाते है। जिससे बच्चे अपनी मायूस दुनिया से बाहर निकल कर भरपूर आनंद ले सके।
इस मौके पर फाउंडेशन की अध्यक्षा प्रीति भारद्वाज (Foundation President Preeti Bhardwaj) ने कहा कि- ये हमारी ओर से छोटी सी कोशिश है कि उन बच्चों के लिये जो अपना सबकुछ खो चुके है। ऐसे नौनिहालों को प्यार और दुलार देने की जरूरत है। ये बच्चे शायद ही कभी अपना जन्मदिन मानते होंगे। आप समझ सकते हैं कि इन बच्चों को किस तरह की ख़ुशी मिलती होगी। एक छोटी सी पहल इन मासूमों को कितनी खुशियां दे सकती इसका ज़रा भी अन्दाज़ा नहीं लगाया जा सकता। हमारी कोशिश उस वक़्त कामयाब होती है, जब इन मासूमों के चेहरों पर मुस्कान चमकती है, जब इनकी आंखों में बचपन हिलोरे मारता है और जब इनकी किलकारियां हमारे कानों में गूंजती है।
घरोंदा बाल आश्रम (Gharaunda Bal Ashram) के संस्थापक ओमकार ने निर्मल तारा को इस पहल के लिये शुभकामनायें देते हुए कहा कि कोई भी सामाजिक कार्य बिना समाज के योगदान के कामयाब नहीं हो सकता।
कार्यक्रम में भागीदार रही भारतीय विदेश सेवा अधिकारी चंद्रकांता राठौर ने कहा कि "वास्तव में ये एक संवेदना से भरपूर अद्भुत अनुभव था। छल-कपट से कोसों दूर ये बच्चे प्यार मिलते ही आपके हो जाते हैं।”
इस कार्यक्रम में अलंकृता और आशुतोष ओझा कनाडा से जुड़े और कहा कि "निर्मल तारा फाउंडेशन का ये कदम असल मायने में काबिले तारीफ है। हम वर्चुअली कार्यक्रम में शामिल हो चुके हैं। जल्द ही इंडिया आने पर बच्चों के साथ पूरा दिन एन्जॉय करेंगे।"
इसके साथ ही गौतम दास, पार्वती और साँझबाती ने भी कार्यक्रम में शिरकत की, जो कि इससे पहले भी कई बार एनटीएफ के कार्यक्रमों में जुड़े चुके है। इन सभी ने निर्मल तारा के कामों को जमकर सराहा और भविष्य के लिये शुभकामनाएं दी। अगर आप भी अपनी खुशियां इन फरिश्तों के साथ बांटना चाहते हैं तो निर्मल तारा फाउंडेशन से संपर्क कर सकते हैं।