नई दिल्ली (प्रियंवदा गोप): दिल्ली के प्राइवेटों स्कूलों (private schools) को लेकर Manish Sisodia के फरमान का दिल्ली के pvt. schools पर असर दिखाने लगा है। वायरस इन्फेक्शन के हालातों के बीच चंद रोज पहले मीडिया में खबरें आ रही थी कि दिल्ली के प्राइवेट स्कूल पेरेंट्स से जब़रन 3 महीने की स्कूल फीस मांग रहे है। स्कूल फीस ना देने के कारण कई छात्रों की ऑनलाइन क्लासेस (online classes) बंद करवा दी गई साथ ही कई प्राइवेट स्कूलों ने मांगी गई फीस में मनमाने ढंग से ट्रांसपोर्टेशन चार्ज (transportation charges), वार्षिक शुल्क (annual fee) और अन्य मदों को भी जोड़ा। निजी स्कूलों के बेलगाम रवैये को देखते हुए। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने मीडिया के सामने फरमान जारी किया।
उन्होनें कहा कि ज्यादातर प्राइवेट स्कूल ट्रस्ट और गैर सरकारी संगठनों द्वारा चलाये जाते है। ऐसे में स्कूल लाभ कमाने वाले संस्थान नहीं होते। दिल्ली सरकार के संज्ञान में मामला आया है कि कुछ निजी स्कूल अभिभावकों को परेशान करते हुए मनमाने ढंग से फीस वसूलने में लगे हुए हैं। ऐसे कई मामले भी सामने आए हैं जिनमें फीस न देने की स्थिति में छात्रों को ऑनलाइन क्लासेज से बेदखल किया गया। मामले की गंभीरता को समझते हुए दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने फैसला लिया है कि, कोई भी स्कूल 3 महीने की फीस नहीं मांगेगा, सिर्फ एक महीने की ट्यूशन फीस (tuition fees) मांग सकते हैं।
साथ ही प्राइवेट स्कूल बिना सरकार से पूछे फ़ीस नहीं बढ़ा सकते। इसके अलावा स्कूल, ट्रांसपोर्टेशन फ़ीस भी नहीं वसूल सकेंगे। सभी प्राइवेट स्कूल अपने स्टॉफ को समय पर सैलरी देंगे। अगर कोई समस्या है तो पेरेंट्स संस्था की मदद से अपने स्टॉफ को सैलरी देनी होगी। आदेश ना मानने वाले स्कूलों के खिलाफ दिल्ली स्कूल एजुकेशन एक्ट (school education act) 1973 और आपदा प्रबंधन अधिनियम (disaster management act) 2005 के तहत कड़ी कार्रवाई होगी।
दिल्ली सरकार के इस फरमान का असर तुरन्त देखा गया। दिल्ली के एक प्राइवेट स्कूल ने अभिभावकों को लिखा कि, सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी पेरेंट्स स्कूल फीस का भुगतान करें। साथ ही स्कूल फीस से छूट हासिल करने वाली श्रेणियों के तहत आने वाले सभी छात्रों को मिलने वाली छूट पहले की तरह जारी रहेगी।
गौरतलब है कि, दिल्ली के निजी स्कूल मनमाने ढंग से प्रबंधन चलाने और फीस वसूलने के लिए कुख्यात है। वायरस संक्रमण के नाजुक हालातों के बीच निजी स्कूलों द्वारा मुनाफा कमाने के बेलगाम अंधे रवैये पर केजरीवाल सरकार ने नकेल कसकर काबिले तारीफ काम किया है। इससे पेरेंट्स को भारी राहत मिलेगी। और आगे भविष्य में दिल्ली के प्राइवेट स्कूल बेलगाम होने से पहले कई बार सोचेंगे।