नई दिल्ली (समरजीत अधिकारी): नार्वेजियन स्वीडिश नोबल समिति (Norwegian Swedish Noble Committee) ने इस साल के नोबल पुरस्कार (Nobel Prize) की घोषणा कर दी है। रसायन विज्ञान, भौतिकी, साहित्य, मेडिसिन और शांति पुरस्कारों के लिए उम्मीदवारों का चयन किया जा चुका है। इस साल रसायन विज्ञान का नोबल जीनोम एडिटिंग के लिए जेनेटिक सीजर्स (Genetic Caesars for Genome Editing) का ईजाद करने वाली अमेरिका की जेनिफर डाउडना और फ्रांस की विज्ञानी इमैनुएल शारपेंतिए को दिया जा रहा है। दोनों महिला वैज्ञानिकों ने CRISPR-CAS9 को विकसित किया है, जिसकी मदद से मानव डीएनए स्ट्रक्चर को मनमाफिक तरीके से बदला जा सकेगा।
भौतिकी के नोबल के लिए इस साल चयन समिति ने तीन वैज्ञानिकों का चयन किया है। इन तीनों को ही पुरस्कार से संयुक्त रूप से नव़ाजा जायेगा। ब्रिटिश वैज्ञानिक रॉजर पेनरोज को ब्लैकहॉल से जुड़ी खोजों के लिए, जर्मन वैज्ञानिक रीनहार्ड गेंजेल और अमेरिकी मूल के एंड्रिया गेज को ग्लैक्सी के केन्द्र में सुपरमैसिव कॉम्पैक्ट ऑब्जेक्ट (Supermassive Compact Object) के वजूद की खोज के लिए ये पुरस्कार दिया जायेगा। इसके साथ ही इस मेडिसिन श्रेणी में ब्रिटिश वैज्ञानिक माइकल हफटन और अमेरिकी को दो वैज्ञानिकों हार्वे जे ऑल्टर और चार्ल्स एम राइस को संयुक्त रूप से मेडिसिन का नोबल (Noble of medicine) दिया जायेगा।
साहित्य का नोबल अमेरिकी मूल की कवयित्री लुईस ग्लूक (poet Louise Glueck) को दिया जायेगा। उन्हें ये पुरस्कार उनकी शानदार रचनाओं के साथ उनकी बेमिसाल आवाज़ के लिए दिया जा रहा है। स्वीडिश एकडेमी के मुताबिक उनकी काव्य रचनायें मानवीय अस्तित्व की सार्वभौमिक बनाती है। इस बार शांति का नोबल पुरस्कार World Food Programme को दिया गया है। ये एजेंसी पूरे विश्व में खाद्य संकट से निपटने में अहम भूमिका का निर्वहन करती है। युद्ध और प्राकृतिक आपदाओं के दौर में खाद्य संकट से जूझ देशों खासतौर से विकासशील देशों में तुरन्त सहायता मुहैया करवाती है।
इस साल स्वीडिश नोबल समिति को विजेताओं का चयन करने के लिए 318 उम्मीदवारों के नाम पर गौर करना पड़ा। जिनमें 211 व्यक्ति और 107 संगठन शामिल रहे। इन सभी की दावेदारी पर तयशुदा नियमों के आधार पर विजेताओं का चयन किया गया। इन सभी विजेताओं को नोबल पदक और एक करोड़ स्वीडिश क्रोना (करीबन 8.27 करोड रूपये) की राशि बतौर इनाम दी जायेगी। संयुक्त विजेता होने की स्थिति में राशि सभी विजेताओं में बराबर रूप से बंटाने का प्रावधान है। फिलहाल अर्थशास्त्र के नोबल पुरस्कार की घोषणा होना अभी बाकी है।