एजेंसियां/न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): रूस को यूरोप से जोड़ने वाली नॉर्ड स्ट्रीम 1 (Nord Stream 1) प्रमुख पाइपलाइन गैस डिलीवरी फिर से शुरू करने की प्रक्रिया में है, पाइपलाइन ऑपरेटर ने आज (21 जुलाई 2022) कहा कि, इस महीने की शुरूआत में रखरखाव के लिये बंद होने के बाद इसे जल्द ही खोला जा सकता है।
इसके फिर से शुरू होने से यूरोपीय देशों को एक बड़ी राहत मिलने की संभावना है, जो इस चिंता के बीच वैकल्पिक स्रोत खोजने के लिये लगातार हाथ-पांव मार रहे थे कि रूस (Russia) पश्चिमी प्रतिबंधों ताकतों के ज़वाब में गैस सप्लाई फिर से शुरू नहीं कर सकता है।
नॉर्ड स्ट्रीम 1 के प्रवक्ता ने हाल ही में सीएनएन को बताया कि- ‘हम पाइपलाइन के माध्यम से गैस ट्रांसपोर्टेशन फिर से शुरू करने की प्रक्रिया में हैं। तयशुदा गैस ट्रांसपोर्टेशन क्वांटिटी तक पहुंचने में हमें कुछ वक़्त लग सकता है” जर्मनी की फ़ेडरल नेटवर्क एजेंसी के अध्यक्ष क्लॉस मुलर (Claus Muller) ने ट्विटर पर कहा कि पाइपलाइन लगभग 30 फीसदी क्षमता के साथ गैस सप्लाई कर रही है और इस रफ्तार के साथ गैस आपूर्ति करने के लिये हमें दो घंटे की गारंटी दी गयी थी।
लेकिन फिलहाल ये साफ नहीं है कि रूस पाइपलाइन पर उतनी ही मात्रा में गैस की सप्लाई करेगा जितना कि वो शटडाउन से पहले कर रहा था?
इससे पहले यूरोपीय संघ (European Union) ने रखरखाव के लिये पाइपलाइन बंद होने के बाद आने वाले महीनों में ईयू सदस्य देशों से प्राकृतिक गैस की खपत में 15 फीसदी की कटौती करने को कहा है। यूरोपीय संघ आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयन (Ursula von der Leyen) ने इस मामले पर कहा कि- “रूस हमें लगातार ब्लैकमेल कर रहा है। रूस ऊर्जा को हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है और इसलिए किसी भी घटना में चाहे वो रूसी गैस का आंशिक कटऑफ हो या रूसी गैस का पूरी तरह से कटऑफ यूरोप को हर हालातों के लिये तैयार रहने की जरूरत है “
हालांकि शुरूआती कटौती स्वैच्छिक होगी, लेकिन ईयू ने सदस्य देशों से कहा है कि रूस अचानक से ही गैस सप्लाई से अपने हाथ एकाएक खींच सकता है। इन्हीं बातों के मद्देनज़र में पूरे ब्लॉक में अनिवार्य कटौती लागू की जाये।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक यूरोपीय आयोग ने अपने बयान में कहा कि, “क्रेमलिन (Kremlin) गैस एक्सपोर्ट को सामरिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है। इस वज़ह से यूरोपीय संघ को रूस से गैस आपूर्ति में और कटौती का खतरा है। अभी कार्रवाई करने से आगे या गैस सप्लाई पूरी तरह बाधित होने के हालात में यूरोप के लिये जोखिम और लागत दोनों बढ़ सकती हैं।”