एजेसियां/न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): उत्तर कोरिया (North Korea) ने हाल ही में एक बैलिस्टिक मिसाइल दागी, दक्षिण कोरिया और जापान के अधिकारियों ने कहा कि बीते कुछ हफ़्तों से प्योंगयांग सिलसिलेवार तरीके से मिसाइलों का परीक्षण कर रहा है। माना जा रहा है कि उत्तर कोरिया वाशिंगटन और सियोल पर कूटनीतिक परमाणु दबाव बनाना चाहता है।
इस मामले पर सियोल के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने कहा कि सिनपो से पूर्वी सागर में एक “अज्ञात बैलिस्टिक मिसाइल” दागी गयी, इस इलाके को जापान सागर भी कहा जाता है। संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों में उत्तर कोरिया को बैलिस्टिक मिसाइलों के परीक्षण से प्रतिबंधित किया गया है, लेकिन दागी गई मिसाइल की बनावट और लॉचिंग के तरीके से पता लगता है कि ये बैलेस्टिक मिसाइल (Ballistic Missile) परमाणु हथियारों को भी अपने साथ ले जा सकती है।
इस लाचिंग को जापानी प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा (Japanese Prime Minister Fumio Kishida) ने “खेदजनक” बताया। गौरतलब है कि उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन (North Korean leader Kim Jong-un) ने तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) के साथ राजनयिक बातचीत नाकाम रहने के बाद उत्तर कोरियाई परमाणु कार्यक्रम को और मजबूती देने की दिशा में काम किया। फिलहाल इस मुद्दे को लेकर उनकी बाइडेन प्रशान के साथ कोई बातचीत नहीं हुई है।
हाल ही में उत्तर कोरिया ने बिना शर्त इस मुद्दे पर अमेरिकी बातचीत की पेशकश को ठुकरा दिया। साथ ही कहा कि वाशिंगटन को पहले अपनी "शत्रुतापूर्ण नीति" को छोड़ना होगा। यहां उत्तर कोरिया का इशारा मुख्य रूप से प्रतिबंधों और यूएस-दक्षिण कोरिया सैन्य अभ्यास की ओर था।
दूसरी ओर उत्तर कोरिया सितंबर से ही अपने हथियारों के परीक्षण में तेजी ला रहा है। इस मुद्दे पर सियोल सशर्त शांति की वार्ता पेशकश करना चाहता है। माना जा रहा है कि सियोल का ये रवैया प्योंगयांग की उस कवायद के बाद आया जब उत्तर कोरिया ने परमाणु ताकत से लैस दूरी की क्रूज मिसाइल और ट्रेन से हाइपरसोनिक वारहेड (Hypersonic Warhead) वाले हथियार की टेस्टिंग और लॉन्चिंग की।
किम ने पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प से तीन बार मुलाकात की, जिन्होंने युद्ध रोकने का दावा किया लेकिन उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को समाप्त करने के व्यापक समझौते तक पहुंचने में नाकाम रहे। मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने परमाणु निरस्त्रीकरण की तलाश में कूटनीति को आगे बढ़ाने का वादा किया है।
उत्तर कोरिया के हालिया मिसाइल परीक्षण प्योंगयांग (Pyongyang) की रणनीतिक हथियार क्षमता बनाने की पंचवर्षीय योजना का हिस्सा थे। उत्तर कोरिया अमेरिका पर अपनी 'शत्रुतापूर्ण नीति और 'दोहरे मानकों' को छोड़ने के लिये मिसाइलों को लॉन्च कर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे है।
माना जा रहा है कि प्योंगयांग आने वाले महीनों में इस तरह के परीक्षणों को बढ़ा सकता है क्योंकि आगामी फरवरी महीने में बीजिंग में शीतकालीन ओलंपिक शुरू होने वाले है, जिसकी शुरूआत होने में ज़्यादा समय नहीं बचा है। ऐसे में चीन शांतिपूर्ण माहौल चाहिये, जिसके लिये उत्तर कोरिया को पूरा सहयोग देना होगा।
दिलचस्प ये भी है कि कथित मिसाइल का परीक्षण उस वक़्त हुआ जब जब अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान के खुफिया प्रमुख उत्तर कोरिया के साथ गतिरोध पर चर्चा करने के लिए सियोल में मिलने वाले है। साथ ही अंतर्राष्ट्रीय एयरोस्पेस और रक्षा प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह के लिए सियोल में सैकड़ों अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों और अंतर्राष्ट्रीय सेनाओं के प्रतिनिधि एकत्र हुए थे।
इस कार्यक्रम में अगली पीढ़ी के लड़ाकू विमानों, हमले के हेलीकाप्टरों, ड्रोन और अन्य उन्नत हथियारों के साथ-साथ अंतरिक्ष रॉकेट और नागरिक एयरोस्पेस डिजाइनों के प्रदर्शन के साथ दक्षिण कोरिया का अब तक का सबसे बड़ा रक्षा एक्सपो का आयोजन करने जा रहा है।