एजेंसियां/न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): उत्तर कोरिया (North Korea) और दक्षिण कोरिया के बीच संघर्ष लगातार जारी है, इसी क्रम में आज कोरियाई प्रायद्वीप (Korean Peninsula) के पूर्वी तट पर पूर्व में दो छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गयी। मिसाइलों को दक्षिण कोरिया और संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) द्वारा आयोजित संयुक्त सैन्य अभ्यास (Joint Military Exercise) के जवाब में दागी गयी, जिसे जापान की दिशा में लॉन्च किया गया था। प्योंगयांग (Pyongyang) का ये दो हफ्ते से भी कम समय में ये छठा मिसाइल लॉन्च था। इस कथित मिसाइल लॉन्च की कई देशों और संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने आलोचना की थी।
मामले पर जापानी प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा (Japanese Prime Minister Fumio Kishida) ने मीडिया से कहा कि, “सितंबर के आखिर तक गिनती करते ये छोटी ये छठी बार है। ये बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।”
संयुक्त राज्य अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सामने मिसाइल लॉन्च (Missile Launch) का मुद्दा उठाया, जहां नौ देशों – संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, अल्बानिया, ब्राजील, भारत, आयरलैंड, नॉर्वे और संयुक्त अरब अमीरात (Norway and United Arab Emirates) ने इसकी खुली निंदा की।
हालांकि उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया-अमेरिका संयुक्त अभ्यास पर कोरियाई पीपुल्स आर्मी (Korean People’s Army) की एहतियाती कवायदों को गलत समझने के लिये इन देशों की आलोचना की। उत्तर कोरियाई विदेश मंत्रालय ने मामले पर बयान जारी किया जिसमें ये भी कहा गया कि संयुक्त सैन्य अभ्यास के साथ अमेरिका को इलाके की राजनीति में दखल नहीं देना चाहिए।
इससे पहले अमेरिका ने रूस और चीन (Russia and China) पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को प्योंगयांग पर प्रतिबंध लगाने से रोककर उत्तर कोरिया को बचाने का आरोप लगाया था। संयुक्त राष्ट्र में -अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड (US Ambassador Linda Thomas-Greenfield) ने कहा कि “डीपीआरके (उत्तर कोरिया) को इस परिषद के दो सदस्यों से एकमुश्त कंबल संरक्षण हासिल है। संक्षेप में कहे तो सुरक्षा परिषद के दो स्थायी सदस्यों ने किम जोंग उन (Kim Jong Un) को काफी ताकत मुहैया करवायी है।”