न्यूज डेस्क (यामिनी गजपति): पंजाब के मनसा जिले में बीते रविवार (29 मई 2022) को मशहूर पंजाबी गायक और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसे वाला (Sidhu Moose Wala) की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। गायक को दी गयी सुरक्षा वापस लेने के लिये पंजाब की भगवंत मान की अगुवाई वाली आप सरकार पर कांग्रेस, भाजपा और शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) ने जमकर निशाना साधा। दो दिन पहले ही पंजाब पुलिस ने सिद्धू मूसे वाला की सुरक्षा वापस लेने का आदेश देते हुए कहा था कि ये सिर्फ एक ‘अस्थायी कदम’ है। उन्होंने हवाला दिया कि वहां ‘लॉ एंड ऑर्डर ड्यूटी’ का दबाव था, जिसके कारण ये कार्रवाई की गयी।
पंजाब सरकार ने बीते शुक्रवार (27 मई 2022) को 424 लोगों की सुरक्षा वापस लेने का आदेश दिया और संबंधित पुलिस कर्मियों को जालंधर कैंट (Jalandhar Cantt) में विशेष डीजीपी को रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया। जिन लोगों की सुरक्षा छीनी गयी है उनमें सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी, धार्मिक और राजनीतिक नेता शामिल हैं।
अतिरिक्त डीजीपी (सुरक्षा) ने बताया कि सिद्धू मूसे वाला समेत 424 लोगों की सुरक्षा पूरी तरह से अस्थायी आधार पर इमरर्जेंसी कानून-व्यवस्था ड्यूटी के संबंध में वापस गयी। पंजाब पुलिस ने साफ किया था कि ये अस्थायी कदम था। बता दे कि सुरक्षा कवर खोने वालों बठिंडा (Bathinda) के तख्त दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह (Giani Harpreet Singh, Jathedar of Damdama Sahib) भी शामिल हैं। उनके पास अकाल तख्त (Akal Takht) के जत्थेदार का प्रभार भी है।
इस महीने की शुरुआत में आप सरकार ने अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल (Akali Dal MP Harsimrat Kaur Badal) और पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar) समेत राज्य की कई नामचीन हस्तियों से सुरक्षा वापस ले ली थी। सुरक्षा वापस लिये लोगों में से पांच के पास जेड श्रेणी की सुरक्षा थी जबकि बाकी तीन के पास वाई+ सिक्योरिटी कवर था। उन्हें 127 पुलिस कर्मियों और नौ वाहनों की सुरक्षा मुहैया करवायी गयी थी।