नई दिल्ली (गौरांग यदुवंशी): देश में अब गर्भवती महिलायें कोरोना टीकाकरण करवा सकेगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को टीकाकरण (Corona Vaccination) पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) की सिफारिशों के आधार पर इसे मंजूरी दे दी है।
अब तक मेडिकल केयर वर्करों, फ्रंट वर्करों, कोरोना वॉरियर्स और 18 वर्ष से ज़्यादा आयु के सभी लोगों सहित कई अन्य लोग कोरोना टीकाकरण के दायरे में आते थे लेकिन प्रेग्नेंट महिलाओं को इस श्रेणी में शामिल नहीं किया गया था। अब, राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान की गर्भवती महिलाओं को भी सहज़ मिल सकेगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा कि- चल रहे राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के तहत इसे लागू करने के लिये सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस फैसले के बारे में सूचित किया गया है।
गर्भवती महिलायें जो टीकाकरण का विकल्प चुनती हैं, उन्हें गर्भावस्था के दौरान किसी भी वक़्त निकटतम सरकारी या निजी कोविड-19 टीकाकरण केंद्रों (CVC) में CoWIN पर पंजीकरण के बाद या निकटतम CVC में वॉक-इन पंजीकरण के जरिये टीका लगाया जा सकता है।
पंजीकरण, टीकाकरण के बाद प्रमाण पत्र आदि जैसी प्रक्रियाएं और तौर-तरीके वही रहेंगे जो कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के तहत 18 वर्ष से ज़्यादा आयु के किसी भी लाभार्थी के लिये हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि- अध्ययनों से पता चला है कि गर्भावस्था के दौरान कोविड-19 संक्रमण से गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य में तेजी से गिरावट आ सकती है और उन्हें गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है और कोख में पल रहे बच्चे पर विपरीत प्रभाव (Adverse Effect) डाल सकता है।
गर्भवती महिलाओं के Corona Vaccination पर बनी आम सहमति
नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर कोविड-19 (NEGVAC) ने भी सर्वसम्मति से इसकी सिफारिश की है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं के लिए कोविड-19 टीकाकरण पर एक राष्ट्रीय स्तर की परामर्शदात्री समिति (National Level Consultative Committee) भी स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गर्भवती महिलाओं के COVID टीकाकरण पर आम सहमति बनाने के लिए बुलायी गयी थी।
मंत्रालय ने गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण के लिए ऑप्रेशनल दिशानिर्देश (Operational Guidelines) तैयार किये है। इस मामले से जुड़ी परामर्श किट चिकित्सा अधिकारियों और फ्रंट लाइन वर्करों को मुहैया करवा दी गयी है। गर्भवती महिलाओं के कोरोना टीकाकरण के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की आम जनता तक जानकारी पहुँचाने के लिये सूचना शिक्षा संचार सामग्री तैयार की गयी है।