न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): पैगंबर मुहम्मद पर भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा (Former BJP spokesperson Nupur Sharma) की टिप्पणी ने बड़े विवाद को जन्म दे दिया है, जिसकी वज़ह से पूरे भारत में 14 राज्यों में हिंसक विरोध और पथराव हुआ। इन विरोध प्रदर्शनों के मामले में अधिकारियों ने अब तक 400 लोगों को गिरफ्तार किया है। उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और झारखंड (Uttar Pradesh, West Bengal and Jharkhand) जैसे कई राज्यों में स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है, साथ ही अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। उत्तर प्रदेश में दंगों के प्रमुख आरोपियों की अवैध संपत्तियों को ढ़हाने की खबरों ने भी मुस्लिम समुदाय (Muslim community) के बीच विवाद पैदा कर दिया।
पश्चिम बंगाल के नदिया के बेथुआडाहारी रेलवे स्टेशन (Bethuadahari Railway Station at Nadia, West Bengal) पर बीते रविवार (12 जून 2022) शाम को एक लोकल ट्रेन पर हमला करने और ट्रेन को नुकसान पहुंचाने समेत हिंसा और विरोध की छिटपुट घटनायें हुईं, जबकि हावड़ा और मुर्शिदाबाद (Howrah and Murshidabad) जिलों के कुछ हिस्सों में निषेधाज्ञा जारी रही।
जुमे की नमाज के बाद भारत के कई राज्यों में हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक 400 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। उत्तर प्रदेश के आठ जिलों से 316 और पश्चिम बंगाल में 100 दंगाइयों को गिरफ्तार किया गया। जबकि झारखंड की राजधानी रांची (Ranchi) में राज्य पुलिस ने 10 जून को हुई झड़पों के लिये “हजारों” लोगों के खिलाफ 25 एफआईआर दर्ज की, जिसमें दो लोगों की मौत हो गयी और कई अन्य घायल हो गए थे।
हालांकि कई राजनीतिक दलों ने नूपुर शर्मा के बयान पर 10 जून को भड़की हिंसा को देखते हुए कड़े कदम उठाने का आग्रह किया। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर (Union Information and Broadcasting Minister Anurag Thakur) ने सभी दंगाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही। उन्होंने कहा कि- “लोकतंत्र में हिंसा के लिये कोई जगह नहीं है। लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात रखने का मौका मिलना चाहिये। और जब बातचीत से समस्याओं का समाधान किया जा सकता है तो पथराव, आगजनी और उपद्रव के लिये कोई जगह नहीं है।”
14 राज्यों में मस्जिदों में जुमे की नमाज के बाद पथराव, आगजनी और पुलिस अधिकारियों को घायल करने समेत हिंसा की कई घटनायें दर्ज की गयी, जिनमें से कुछ ने नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग की, जबकि अन्य ने मांग की कि उन्हें पैगंबर मुहम्मद (Prophet Muhammad) पर उनके बयानों के लिये उन्हें फांसी दी जाये।
बता दे कि ये विवाद तब शुरू हुआ जब भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने पैगंबर मुहम्मद पर कुछ आपत्तिजनक टिप्पणियां की, जिससे मुस्लिम समुदाय को ठेस पहुंची और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की निंदा हुई। बाद में नुपूर शर्मा को विवादस्पद टिप्पणियों के लिये भाजपा ने निलंबित कर दिया।