कुंडलीय, प्रारब्ध, स्वास्थ्य और तनाव कई कारणों से आजकल युवा दंपतियों में संतान प्राप्ति को लेकर अड़चने देखी जा रही है। जिसके कारण लोग आईवीएफ (IVF) ट्रीटमेंट का रूख़ कर रहे है। आईवीएफ कृत्रिम गर्भाधान (Artificial Insemination) की वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जो काफी खर्चीली भी होती है। कई बार ये तरीका भी कामयाब नहीं रहता है। ऐसे में कुछ शक्तिशाली टोटके आजमाकर उत्तम मनचाही संतान प्राप्ति की जा सकती है।
उत्तम मनचाही संतान प्राप्ति के लिए कुछ खास उपाय
1. यदि किसी दम्पति को संतान की प्राप्ति नहीं हो रही है तो वो स्त्री शुक्ल पक्ष में अभिमंत्रित संतान गोपाल यंत्र (Santan Gopal Yantra) को अपने घर में स्थापित करके लगातार 16 गुरुवार को व्रत रखकर केले और पीपल के वृक्ष की सेवा करें उनमें दूध चीनी मिश्रित जल चढ़ाकर धूप अगरबत्ती जलाये। फिर मासिक धर्म (Menstrual) से ठीक तेहरवीं रात्रि में अपने पति से रमण करें संतान सुख अति शीघ्र प्राप्त होगा।
2. पति पत्नी गुरूवार का व्रत रखें या इस दिन पीले वस्त्र पहने, पीली वस्तुओं का दान करें यथासंभव पीला भोजन ही करें …..अति शीघ्र योग्य संतान की प्राप्ति होगी।
3. संतान सुख के लिये स्त्री गेंहू के आटे की 2 मोटी लोई बनाकर उसमें भीगी चने की दाल और थोड़ी सी हल्दी मिलाकर नियमपूर्वक गाय को खिलायें …शीघ्र ही उसकी गोद भर जायेगी।
4. शुक्ल पक्ष में बरगद के पत्ते को धोकर साफ करके उस पर कुंकुम से स्वस्तिक (Swastika) बनाकर उस पर थोड़े से अक्षत और सुपारी रखकर सूर्यास्त से पहले किसी मंदिर में अर्पित कर दें और प्रभु से संतान का वरदान देने के लिये प्रार्थना करें …निश्चय ही संतान की प्राप्ति होगी।
5. किसी भी गुरुवार को पीले धागे में पीली कौड़ी को कमर में बांधने से संतान प्राप्ति का प्रबल योग बनता है।
6. संतान प्राप्ति के लिये स्त्री पारद शिवलिंग का नियम से दूध से अभिषेक करें …उत्तम संतान की प्राप्ति होगी।
7. हर गुरुवार को भिखारियों को गुड़ का दान देने से भी संतान सुख प्राप्त होता है।
8. पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र (Poorva Phalguni Nakshatra) में आम की जड़ को लाकर उसे दूध में घिसकर पिलाने से स्त्री को अवश्य ही संतान की प्राप्ति होती है। ये अत्यंत ही सिद्ध/परीक्षित प्रयोग है।
9. रविवार को छोड़कर अन्य सभी दिन निसंतान स्त्री यदि पीपल पर दीपक जलाये और उसकी परिक्रमा करते हुए संतान की प्रार्थना करें उसकी इच्छा अति शीघ्र पूरी होगी।
10. श्वेत लक्ष्मणा बूटी की 21 गोली बनाकर उसे नियमपूर्वक गाय के दूध के साथ लेने से संतान सुख की अवश्य ही प्राप्ति होती है।
11. उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र (Uttara Phalguni Nakshatra) में नीम की जड़ लाकर सदैव अपने पास रखने से निसंतान दम्पति को संतान सुख अवश्य प्राप्त होता है।
12. नींबू की जड़ को दूध में पीसकर उसमें शुद्ध देशी घी मिला कर सेवन करने से पुत्र प्राप्ति की संभावना बढ़ जाती है।
13. माघ शुक्ल षष्ठी (Magh Shukla Shashthi) को संतानप्राप्ति की कामना से शीतला षष्ठी का व्रत रखा जाता है। कहीं-कहीं इसे ‘बासियौरा’ नाम से भी जाना जाता हैं। इस दिन प्रात:काल स्नानादि से निवृत्त होकर मां शीतला देवी का षोडशोपचार-पूर्वक पूजन करना चाहिये। इस दिन बासी भोजन का भोग लगाकर बासी भोजन ग्रहण किया जाता है।
14. उत्तम पुत्र प्राप्ति हेतु स्त्री को हमेशा पुरूष के बायें तरफ़ सोना चाहिये। कुछ देर बांयी करवट लेटने से दायां स्वर और दाहिनी करवट लेटने से बांया स्वर चालू हो जाता है। इस स्थिति में जब पुरूष का दांया स्वर चलने लगे और स्त्री का बांया स्वर चलने लगे तभी दम्पति को आपस में सम्बन्ध बनाना चाहिये। इस स्थिति में अगर गर्भादान हो गया तो अवश्य ही पुत्र उत्पन्न होगा। कौन सा स्वर चल रहा है, इसकी जांच नथुनों पर अंगुली रखकर कर सकते है।
15. योग्य कन्या संतान की प्राप्ति के लिये स्त्री को हमेशा पुरूष के दाहिनी और सोना चाहिये। इस स्थिति मे स्त्री का दाहिना स्वर चलने लगेगा और स्त्री के बायीं तरफ़ लेटे पुरूष का बांया स्वर चलने लगेगा। इस स्थिति में अगर गर्भ ठहरता है तो निश्चित ही सुयोग्य और गुणवान कन्या प्राप्त होगी।
16. प्राचीन संस्कृत पुस्तक ‘सर्वोदय’ में लिखा है कि गर्भाधान के समय स्त्री का दाहिना श्वास चले तो पुत्री तथा बायां श्वास चले तो पुत्र होगा।
17. मासिक धर्म शुरू होने के प्रथम चार दिवसों में सम्बन्ध बनाने से पुरूष अनेको रोगों को प्राप्त सकता है। इससे संतान प्राप्ति के योग क्षीण होने लगते है, इसीलिये इससे बचे।
18. कुछ रातें ये भी है, जिसमे सम्बन्ध बनाने से बचना चाहिये… जैसे अष्टमी, एकादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, पूर्णिमा और अमावस्या।
19. गर्भाधान के लिए ऋतुकाल की आठवीं, दसवी और बारहवीं रात्रि सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इन रात्रियों में सम्बन्ध बनाने के बाद स्त्री के गर्भधारण (Pregnancy) करने से संतान की कामना रखने वाले दम्पतियों को श्रेष्ठ संतान की प्राप्ति की सम्भावना बहुत बढ़ जाती है।